प्यासे कौए की कहानी हिंदी में -मोटिवेशनल स्टोरी
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एक बार की बात है, बहुत गर्मी हो रही थी। एक प्यासा कौआ पानी की तलाश में एक गाँव में पहुँचा।वह पानी के लिए घरों,
खेतों और पेड़ों पर उड़ने लगा। लेकिन उसे कहीं पर भी पानी नहीं मिला।
उड़ते उड़ते बहुत देर के बाद, वह एक खेत में आया। खेत में एक पेड़ के नीचे पानी का एक घड़ा रखा था।
वह उसे देखकर बहुत खुश हुआ कि आखिरकार थोड़ा पानी तो मिला। वह झपट्टा मारकर पेड़ पर चढ़ गया और फिर नीचे
जमीन पर गिर गया।
वह बहुत तेज़ी से घड़े की ओर गया और अंदर देखने लगा। मटके में बहुत कम पानी था। कौए ने घड़े के अंदर अपनी चोंच
डाली लेकिन पानी तक नहीं पहुंच पाया।
घड़े में पानी का स्तर बहुत कम था। उसकी गर्दन पानी तक नहीं जा रही थी क्यूँकि घड़े का मुँह भी छोटा था।
उसने पानी को बाहर निकालने के लिए बर्तन को नीचे धकेलने की भी कोशिश की, लेकिन बर्तन बहुत भारी था।
कौआ निराश होने लग गया। वह वास्तव में बहुत प्यासा था और उसे पानी की बहुत ज़रूरत थी।
वह पानी छोड़ कर दूसरे खेत में भी जा सकता था।
लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और चारों तरफ़ देखने लगा।और सोचने लगा कि “अब मैं और क्या कर सकता हूं?“
तभी उसने देखा कि खेत में ढेर सारे कंकड़ है और वह विचार करने लगा। उसने एक एक करकर कंकड़ इकट्ठा करना
शुरू कर दिया और उन्हें घड़े में डालता गया ।
जब उसने अधिक से अधिक कंकड़ों को पानी में डाला, तो पानी का स्तर बहुत ऊपर तक आ गया।
तब फिर कौए ने मन भरकर पानी पिया और खुशी से अपने घर वापस चला गया।
Moral
विचारशीलता क्रूर बल या शक्ति से बहुत बढ़ा होता है ”।
अगर आपको कोई भी short moral story चाहिए, please comment box में लिखिए ।
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