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 (Motivational Story-Alexander Fleming)

 

एक बार की बात है, ब्रिटेन के स्काट्लंड के एक गाँव में Fleming नाम का किसान काम करता था। हर रोज़ की तरह वह आज भी अपनी कुटिया के पास कुछ काम कर रहा था लेकिन अचानक से उसे एक बच्चे के ज़ोर ज़ोर से चीख़ने चीलाने की आवाज़ आईं।

वह सारा समान यूँही फेंक कर भागकर आगे जाता है और देखता है कि वहाँ एक बच्चा दलदल में फँस गया है ।कमर तक दलदल में फँस चुका था वो ।

किसान सोचता है कि क्या करे वो अब लेकिन एक लंबी टहनी का सहारा लेकर, अपनी जान पर खेलकर किसी तरह उस बच्चे को दलदल से निकालकर बचा लेता है।

वो बच्चा उसे धन्यवाद करता है और वहाँ से चला जाता है ।

motivational story

अगले दिन Fleming की कुटिया के सामने एक चमचमाती बहुत बड़ी कार आकर रुकती है और उसमें से एक बहुत अमीर आदमी निकलता है।वो किसान के पास जाकर पूछता है कि क्या आप ही Fleming किसान है?

Fleming उनको नमस्कार करते है और उनका परिचय पूछते है ,वो कहते है मेरा नाम है Rudolph Churchill और मैं आपका आभारी हूँ। कल जिस बच्चे को आपने बचाया वो मेरा पुत्र है।

मैं आपको धन्यवाद कहना चाहता हूँ और कल के इस बहुत बड़े सहयोग के लिए ,आप जो चाहे वो आपको देना चहता हूँ।

लेकिन Fleming ने कुछ भी लेने से मना कर दिया -बोले नहीं ,कल जो कुछ भी मैंने किया था मानवता के नाते किया था और उसके लिए कोई क़ीमत नहीं ले सकता।

जब Fleming ये कही रहा था तबि उसकी कुटिया से उसका छोटा सा बच्चा भार झांकते हुए नज़र आया। Rudolph ने पूछा क्या ये तुम्हारा बेटा है ? Fleming ने बड़े गर्व से कहा ,हाँ मेरा बेटा है।

तो उन्होंने कहा ठीक है, मैं अपनी बात दोबारा तुम्हारे सामने कहता हूँ, अगर तुम मुझसे कोई क़ीमत नहीं लेना चाहते तो ना सही।

लेकिन मुझे इतनी अनुमति दो की मैं इस बच्चे की शिक्षा का खर्च उठा सकूँ।और इसे वैसी ही शिक्षा दुलवाऊँगा जैसी मैं अपने बच्चे को दुलवाऊँगा।Fleming ने मन ही मन सोचा कि हाँ वो अच्छी शिक्षा शायद अपने बच्चे को ना दे पाए और ये सोचकर उसने हाँ कहे दिया।

समय बीतता गया उस बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिली और वही बच्चा आगे चल कर बहुत बड़ा वैज्ञानिक बना । कहानी यही खतम नहीं होती, जो बच्चा दलदल में गिरा था उसे बहुत घातक बीमारी हो जाती है।

उसका इलाज इसी वैज्ञानिक के प्रयोग की दवाई से होता है। दोनो ने जो भी किया एक दूसरे की भलाई के लिए किया और उसका फल दोनो को मिला ।

फल मिलने में देरी हो सकती है लेकिन फल हमेशा मिलता है

इस कहानी में वैज्ञानिक और कोई नहीं बल्कि महान वैज्ञानिक Alexander Fleming है और दवाई का नाम Penicillin था।

Moral

अच्छाई का फल हमेशा मिलता है।

 

motivational story-Alexander Fleming से आपको कैसी सीख मिली। please comment करके बताइए। 

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