क्रिसमस या बड़ा दिन – short essay in Hindi
भारतवर्ष में अनेकों धर्म के लोग रहते हैं। प्रत्येक धर्म के लोगों के अपने-अपने त्यौहार है।
वे इन त्यौहारों को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। इसी प्रकार क्रिसमस या बड़ा दिन ईसाइयों का एक पवित्र पर्व है।
यह पर्व प्रति वर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। उसी ख़ुशी में यह पर्व बड़े ज़ोरों से मनाया जाता है।
यह दिन महत्त्व की दृष्टि से सबसे बड़ा है, इसलिए ही इसको बड़ा दिन कहते हैं।
पर्व से पूर्व अर्थात् 24 दिसम्बर से ही लोग अपने घर को विभिन्न तरीक़ों से सजाते है। 24 दिसम्बर की रात्रि को लोग अपने घरों में लाइट लगाते है और पूरे घर को प्रकाश से जगमग कर देते है।
ऐसा लोग इसलिए करते है क्योंकि 24 दिसम्बर की अर्द्धरात्रि में ही ईसा मसीह का जन्म हुआ था।
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इसी ख़ुशी में लोग अपने घरों को प्रकाशित करते है। ठीक रात्रि के बारह बजे गिरजाघरों के घंटे बज उठते हैं। उनकी आवाज़ सुनकर ही सभी लोग गिरजाघरों में प्रार्थना करने आते है।
उसके बाद ही क्रिसमस का जशन शुरू होता है।
रात्रि एक बजे से 25 दिसम्बर का बड़ा दिन शुरू हो जाता है। रात्रि प्रार्थना सभा में शामिल होकर सभी ईसाई धर्म के लोग एक दूसरे को बधाई देकर, अपने घर वापस आते है।
क्रिसमस के दिन, उसका जशन घर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। घर में केक, डोनट्स आती पकवान आते है।
पकवानों को एक दूसरे को बाँटते है। उसे अपने परिवार के सहित मिलकर खाया जाता है।
बड़ा दिन मानव मात्र के लिए भाई चारे व प्रेम का दिन है।इस दिन प्रभु यीशु धरती पर आए थे। उन्होंने दीन-दुखियों को गले लगाया।
सभी को प्रेम का पथ पढ़ाया, साथ ही साथ सभी को क्षमा व सहनशीलता की शिक्षा दी। इसलिए ही यह दिन बहुत महान दिन है।
Merry Christmas- short essay in hindi