चालक बंदर – moral story in Hindi
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chalak bandar ki naitik kahani Hindi me
एक बार की बात है, एक बहुत बड़ा जंगल था। उस जंगल में एक नदी थी। उस नदी के पास जंगल के सभी जानवर जाने से डरते थे और तो और उसे खूनी नदी के नाम से बोलते थे।
एक बार, एक बंदर पास के शहर के चिड़िया घर से भागकर उस जंगल में आ गया। वहां उसकी मुलाकात एक खरगोश से हुई।
उस खरगोश ने उस बंदर को पूरा जंगल घुमाया। यहां तक की शेर की गुफा भी दिखाई। लेकिन उसने उसे उस खूनी नदी के बारे में ना तो बताया और ना ही उसे दिखाया।
अब वह बंदर भी उस जंगल में रहने लगा। एक दिन बंदर ऐसे ही जंगल में घूम रहा था। तो उसकी नज़र उस खूनी नदी पर पड़ी।
उस नदी को देखकर बंदर बहुत खुश हुआ और उसमें से पानी पीने लगा। जैसे ही वह पानी पीता है, उस नदी में से एक मगरमच्छ उसकी तरफ आता है।
बोलने वाली गुफा- Moral story in Hindi
बिचारा बंदर बहुत डर जाता है और जल्दी से वहां से भाग जाता है। फिर उसकी मुलाकात एक हिरन से होती है। हिरन उसके भागने का कारण पूछता है, तब वह बंदर बताता है कि उसने नदी के पास एक मगरमच्छ देखा।
यह सुनकर वह हिरण, बंदर को जंगल के राजा शेर के पास ले जाता है। और वहां पहुंचकर शेर को सारी बात बताता है।
बंदर की इस बात पर किसी भी जानवर को विश्वास नहीं होता। क्योंकि आज तक किसी भी जानवर ने उस नदी में मगरमच्छ को नहीं देखा था।
सभी जानवर उस नदी को खूनी नदी मानते थे।और बंदर को ऐसी अफवाह फैलाने से मना करते हैं।
बंदर अपनी बात को साबित करने के लिए सभी जानवरों को नदी के पास ले जाता है और सबको झाड़ियों के पास छिपने के लिए बोलता है।
जैसे ही बंदर पानी में अपना हाथ डाल कर पानी पीता है। उसकी आवाज से वह मगरमच्छ फिर से आ जाता है।
लेकिन मगरमच्छ झाड़ियों में छुपे जानवरों को देख लेता है। और हर बार की तरह वह एक पत्थर बन जाता है। सभी जानवर उसे हमेशा की तरह एक बड़ा पत्थर मान लेते हैं।
यह देखाकर बंदर को सब कुछ समझ में आ जाता है। वह सभी जानवरों को समझाने की कोशिश करता है कि यह पत्थर नहीं एक मगरमच्छ है। जोकि सभी जानवरों को बुद्धू बना रहा है।
सभी जानवर बंदर की इस बात को मान लेते हैं और फिर बंदर से पूछते हैं- अब इस मगरमच्छ का क्या करें? इससे कैसे बचे?
बंदर मगरमच्छ को पकड़ने के लिए एक तरकीब निकालता है। वह एक बड़ी रस्सी लेता है और उसके एक सिरे को एक पेड़ से बांध देता है और दूसरे सिरे का फंदा बनाकर पानी में डाल देता है।
फिर हर बार की तरह बंदर पानी में अपना हाथ डालता है। जिससे कि मगरमच्छ पानी की आवाज सुनकर उधर आ जाए।
पानी में आवाज सुनते ही मगरमच्छ बंदर की तरफ आता है। जैसे ही मगरमच्छ बंदर को पकड़ने की कोशिश करता है उसका मुंह फंदे में फंस जाता है।
यह देखकर सभी जानवर बहुत खुश होते हैं और मगरमच्छ को ऐसे ही तड़पने के लिए छोड़ देते हैं। अब जंगल के सभी जानवर कभी भी, किसी भी समय उस नदी में जा सकते थे और उसका ठंडा ठंडा पानी पी सकते थे।
बंदर की इस चालाकी ने जंगल के सभी जानवरों का मनजीत लिया और उन्होंने बंदर को जंगल का सलाहकार बना दिया।
शिक्षा:
हमें किसी भी अफवाह में विश्वास नहीं करना चाहिए बल्कि उसको अपनी बुद्धिमता से समझने की कोशिश करनी चाहिए।
Clever Monkey moral story in Hindi
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