दशहरा या विजयदशमी- essay in hindi
दशहरा हिंदुओं का पवित्र त्यौहार है। यह पर्व अश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इस दिन रावण, कुम्भकर्ण, और मेघनाथ आदि के पुतले भी जलाए जाते हैं।
तथा बंगाली लोग विजयदशमी के रूप में दुर्गा पूजा का आयोजन करते है।
दशहरे का पर्व भारत में बड़े प्राचीन काल से मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने दस दिन तक लंका के राजा रावण के साथ युद्ध करके विजय प्राप्त की थी।
दसवें दिन भगवान राम जी के द्वारा रावण का वध कर दिए जाने पर ही, विजय की ख़ुशी में पर्व मनाया जाता है।
इस दिन की एक कथा यह भी थी कि प्राचीन काल में एक महिषासुर नामक एक राक्षस था। सारी जनता उसके अत्याचारों से भयभीत थी।
दुर्गा माँ ने दस दिन तक महिषासुर के साथ युद्ध करके, दसवें दिन उसका वध कर दिया था।इस ख़ुशी में भी यह विजय पर्व मनाया जाता है।
दशहरे के पर्व से पहले नवरात्र आते है।इसमें लोग नो दिन व्रत रखते है।शहरों में बड़ी चहल-पहल रहती है। नव रात्रों में जगह-जगह पर राम लीलाओं के आयोजन भी होते हैं।
बड़े-बड़े शहरों में भगवान राम जी के जीवन से सम्बन्धी झाकियाँ भी निकाली जाती हैं।
बंगाल में व भारत के अन्य भू-भागों में जहाँ बंगाली लोग रहते हैं, वहाँ दशहरे पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है।नव रात्रों में दुर्गा माँ की पूजा की जाती है।
दुर्गा माँ की सुंदर-सुंदर मूर्तियाँ बनाई जाती है। दशहरे के दिन उन मूर्तियों को नदी, समुद्र, तालाब, आदि पवित्र जलाशयों में विसर्जित किया जाता है।
दशहरा हमें यह संदेश देता है कि हमें बुराइयों को त्याग कर अच्छाइयों को अपनाना चाहिए।
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