सोने की सेब के संरक्षक – Hindi Story for kids
एक समय की बात है, एक बड़े भाई और छोटे भाई नामक दो भाई भारतीय जंगल में रहते थे।
बड़े भाई को अभिमानी और क्रूरतापूर्ण होने की दुनिया में एक नाम हासिल था, जबकि छोटे भाई मेहरबान दिल वाला और हमेशा दूसरों के लिए सोचता रहता था।
जंगल एक जादुई स्थान था, जिसमें भव्य पेड़ और विचित्र प्राणियों की अनगिनत जातियां थीं।
एक दिन, जंगल में एक पेड़ के बारे में खबर फैल गई कि जो हर साल एक सोने की सेब देता है।
इस सोने की सेब में अद्भुत शक्तियां होती थीं और जिसे प्राप्त करने वाले को खुशी और समृद्धि मिलती थी।
लोभ से प्रेरित होकर, अर्जुन ने एक योजना बनाई ताकि वह जादुई पेड़ को काट सके और सोने की सेब को अपने पास कर सके।
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जंगल के निवासियों की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए, वह गहरे जंगल में जा पहुंचा, जहां उसका भाई उसके दिल को बदलने की उम्मीद रख रहा था।
जब उन्होंने जादुई पेड़ तक पहुंचा, तो उसकी आभा ने हवा में आश्चर्यजनक महसूस कराया।
अर्जुन ने अपना कुल्हाड़ी उठाने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन जब उसने पेड़ को छूने की कोशिश की, तो अचानक उसे एक अद्भुत प्राणी, सोने की सेब के संरक्षक में परिवर्तित हो गया। संरक्षक ने समझाया कि पेड़ का आपूर्ति करने वाले लोगों के इरादों की परीक्षा लेता है।
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सोने की सेब के संरक्षक – Hindi Story for kids
संरक्षक ने खुशी के साथ कहा कि अर्जुन की लालच के कारण वह अपने अहंकार में बंद हो गया है।
वह अब एक मूर्ति के रूप में सदैव फंस जाएगा। हालांकि, छोटे भाई ने अपनी नेकी और निःस्वार्थी दिल के बारे में प्रमाणित कर दिया था।
संरक्षक ने उसे सोने की सेब का भरोसा दिया, जानते हुए कि वह इसे संरक्षण करेगा और इसकी शक्तियों का उचित उपयोग क
रेगा।
राजेश गांव लौटते समय, उसकी कहानी की खबर फैल गई और गांववालों ने खुशी मनाई।
राजेश ने सोने की सेब की जादुई शक्ति का उपयोग करके समृद्धि और खुशी को साझा किया और सभी लोग उसकी नेकी और दयालुता के प्रतीक के रूप में उसका सम्मान करने लगे।
इस कहानी का मोरल है कि अहंकार और लालच हमें असुखी और अकेले बना सकते हैं, जबकि नेकी, दयालुता, और निःस्वार्थ दिल हमें समृद्ध बनाते हैं।
सोने की सेब के संरक्षक – Hindi Story for kids