ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है- short moral story
एक बार की बात है, एक गाँव में एक दूधवाला रहता था। वह बेईमान तरीक़ों से बहुत अमीर बन गया।
वह शहर में दूध बेचने जाता था। उसे उस शहर तक पहुँचने के लिए रोज़ एक नदी पार करनी पड़ती थी जहाँ उसके ग्राहक रहते थे।
वह प्रतिदिन दूध में उसी नदी का पानी मिलाया करता था। जिससे उसको बहुत लाभ होता था।
एक दिन वह अपने बेटे की शादी के लिए बकाया राशि जमा करने में लगा था।
जिससे वे सभी बहुत सारे अच्छे अच्छे कपड़े और शानदार सोने के गहने ख़रीद सके।
वह शहर से सारा समान ख़रीद लेते है।
लेकिन नदी पार करते समय नाव ढह गई और उसका सारा ख़रीदा हुआ समान नदी निगल गई।
दूध विक्रेता बहुत दुखी हुआ और रोने लगा।
तभी उसे एक आवाज़ सुनाई दी जो की नदी से आ रही थी।
नदी ने उससे कहा, रो मत! तुमने जो खोया है, वह तो सिर्फ़ उतना ही है जितना तुमने अपने ग्राहकों को धोका देकर कमाया था।
तुमने ईमानदारी से महनत करके जो कुछ भी कमाया था वो तुम्हारे पास ही है। धोके से कमाया हुआ धन कभी भी सूख नहीं दे सकता।
दूध वाले को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने प्रण लिया कि वह अब से ईमानदारी से ही काम करेगा। कभी भी बेईमानी नहीं करेगा।
Moral
ईमानदार व्यवहार हमेशा सर्वोच्च होता है। गलत तरीक़ों से कमाया गया धन कभी नहीं रहता।