घोड़ा (मेरा प्रिय जानवर)- essay in Hindi
संसार में कई पालतू पशु हैं। उनमें से कुछ दूध देते हैं मगर कुछ बोझ ढोते हैं।
इसी प्रकार घोड़ा भी एक पालतू पशु है।यह भी मनुष्य के लिए बहुत सहायक है।
घोड़े कई रंग के होते हैं।सफ़ेद, काले, भूरे और लाल रंग के घोड़े अधिक होते है।
इसके चार पैर,एक पूँछ होती है। घोड़े के सींग नहीं होते हैं। घोड़े संसार के सभी देशों में पाए जाते है।
घोड़े का मनुष्य के लिए बहुत बड़ा महत्व होता है।घोड़े को प्रत्येक आदमी नहीं पालता क्यूँकि यह अधिकतर सवारी के काम आता है।
आजकल तो आने जाने के साधन बढ़ गए हैं। परंतु पहले समय में घोड़ा ही यातायात का प्रमुख साधन था।
लोग घोड़े पर बैठकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी जाते थे।
उन दिनों राजा, महाराजा तथा बड़े लोगों को घोड़े पालने का बड़ा शौक़ था।
आज भी कई लोगों को घोड़े की सवारी का बड़ा शौक़ होता है। शहरों में घोड़ा तांगा गाड़ी भी खिंचता है। उसमें कई सवारियाँ बैठती है।
पर्वतीय क्षेत्रों व जिन क्षेत्रों में सड़कें नहीं बनी हैं।वहाँ आज भी बोझ ढोने व सवारी का कार्य घोड़ों से ही होता है।
विकट पहाड़ी प्रदेशों में घोड़ा ही समान ले जाता है।पहाड़ी क्षेत्रों में घोड़े की सवारी का भी बड़ा आनन्द आता है।
सेना व पुलिस में भी घोड़े का बहुत बड़ा महत्व है।समाज में दंगे आदि के मौक़े पर पुलिस, व्यवस्था बनाने के लिए भी घोड़ों का ही उपयोग करती है।
सेना में भी कठिन समय पर घोड़ों का उपयोग होता है।घोड़ा राष्ट्रीय शान भी है।
पहले राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोड़ों की बग्घी पर सवार होकर आते थे।