जन्माष्टमी- essay in Hindi
जन्माष्टमी के त्यौहार को हिंदू लोग बड़ी श्रद्धा व भक्ति भाव से मनाते हैं। परम्परा के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए इस पर्व को उनके जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस त्यौहार को सदा भादों के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण, धरती पर प्रकट हुए थे। भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ था।
उन दिनों ब्रज में कंस का राज्य था। वह भगवान कृष्ण के मामा थे। ज्योतिषियों के अनुसार कंस की मृत्यु उसके भांजे के द्वारा ही होगी। इसलिए उसने अपनी बहिन व जीजा को जेल में बंद कर दिया। वहीं पर श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था।
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इस दिन हिंदू श्रद्धालु दिन भर व्रत करते हैं। शाम को पूजा पाठ करके अर्द्धरात्रि के बाद ही भोजन करते हैं क्यूँकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म अर्द्धरात्रि में हुआ था।
इस दिन के लिए कई दिनों पहले से ही मंदिरों को सजाया जाता है। दिन भर मंदिरों में चहल-पहल रहती है। सभी श्रद्धालु वहाँ दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिरों व घरों में कीर्तनों का कार्यक्रम भी होता है।
कई घरों में श्री सत्य नारायण जी की कथा-पूजा भी होता है। शहरों में जगह-जगह पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का भी आयोजन किया जाता है। कुछ-कुछ जगह तो उनके जीवन से सम्बन्धी झाकियाँ भी निकाली जाती है।
जन्माष्टमी पर्व का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व भी होता है। लोगों के दिलों में भगवान के प्रति भक्ति भाव भी पैदा होता है।लोग बुरे कर्मों का त्याग करके, अच्छे कर्मों को अपनाते है।
इस पर्व से ही लोग भगवान श्री कृष्ण के जन्म से प्रेरणा लेकर, अपना जीवन सफल मनाते है।
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