जादुई पत्थर- moral story in Hindi
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jaduai patthar Panchatantra ki naitik kahani hindi me
एक बार की बात है, दूर किसी गाँव में पवन नाम का एक लड़का रहता था। उसके माता-पिता बहुत गरीब थे और वे निर्माण स्थल पर मज़दूर का काम करते थे।
पवन को पढ़ना बहुत पसंद था इसलिए वह अपने स्कूल की फीस देने के लिए लकड़ी के खिलौने बनता था। उसे उन खिलोने से थोड़े-बहुत पैसे मिल जाते थे।
एक दिन जब वह खिलौने बेचकर घर वापस आ रहा था तब उसे रास्ते में एक पत्थर मिला। उसने उस पत्थर को रास्ते से हटाया।
तो उसने देखा की उसके निचे एक हिरे जैसा चमकता हुआ एक छोटा-सा पत्थर है। उस पत्थर से थोड़ी रोशनी आ रही थी। उसने जैसे ही उस पत्थर को उठाना चाहा, उसमे से जोर से आवाज़ आई और एक जीनी प्रकट हुआ।
उसने पवन से कहा, “तुम एक दयावान और भले लड़के हो। इसलिए में तुम्हे यह पत्थर दे रहा हूँ। यह एक जादुई पत्थर है। इस पत्थर से तुम जिस चीज को छुओगे, उस चीज में जान आ जाएगी।”
उसने घर जाके लकड़ी से बन्दर, जिराफ और गाय बनाई। फिर उस पत्थर से उनको छुआ। जादुई पत्थर से छूते ही सभी जानवर जीवित हो गए।
अब यह बात राजा तक भी पहुँच गयी थी। इसलिए राजा ने कुछ सैनिकों को पवन को अपने दरबार में लाने के लिए भेजा।
सैनिक पवन को राजमहल में ले आये। राजा ने उससे सारी बात पूछी और पवन से राजा को सब सच सच बता दिया। राजा ने सोचा “अगर यह पत्थर मुझे मिल जाये तो कितना अच्छा होगा।”
राजा के बहुत कहने पर भी पवन पत्थर देने के लिए नहीं माना। तो राजा ने उसे कारागार में डलवा दिया।
तभी एक जोर का धमाका हुआ। और वहाँ एक जीनी प्रकट हुआ और राजा से बोला, “राजा, तुमने यह जादुई पत्थर पवन से लेना चाहा। शायद तुम्हे यह पता नहीं है कि, जो भी इस पत्थर को छीनना चाहेगा, वह खुद ही पत्थर का बन जायेगा।”
जीनी की थे बात सुनकर राजा बहुत डर गया और उसने तभी की तभी पवन को भी छोड़ दिया।
शिक्षा:
हमें कभी भी किसी की चीजों को अपनी ताक़त के बलबूते पर ज़बरदस्ती नहीं लेना चाहिए।
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जादुई पत्थर| Magical stone moral story in Hindi
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