दूधवाली और उसकी बाल्टी – moral story in Hindi
dudhwali aur uski baaltee naitik kahani Hindi me
एक बार की बात है, एक गाँव में एक लड़की अपनी माँ के साथ रहती थी। उनके पास एक गाय थी, वह गाय रोज बाल्टी भर के दूध देती थी।
दूधवाली उस दूध को शहर में लेजाकर बेचती थी और उससे जो पैसा मिलता था उसी से अपना घर चलाती थी।
एक दिन जब वह दूध बेचने जा रही थी तब उसकी माँ ने उससे कहा कि आज दूध बेचकर जो पैसे मिलेंगे, तुम उन पैसे से अपने लिए कुछ खरीद लेना।
माँ की यह बात सुनकर दूधवाली अपने सर पर दूध की बाल्टी लेकर दूध बेचने के लिए शहर की ओर चलने लगी।
वह रास्ते में जाते जाते अपनी माँ की बातों को याद करके सोचने लगी कि आज दूध बेचकर जो पैसा मिलेगा उससे में चार मुर्गियां खरीदूँगी।
वह मुर्गी रोज अंडे देंगी| उन अण्डों को वह बाजार में बेचेगी और उनसे जो भी पैसे मिलेंगे उनसे वह ओर भी मुर्गियां खरीदेगी।
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वह आगे सोचती है कि इस तरह कुछ दिन बाद उसके पास बहुत सारी मुर्गियां होंगी। वह इतना भी सोचती है कि इसके बाद से वह दूध नहीं बेचा करेगी| सिर्फ और सिर्फ अंडो का ही व्यापार करेगी| क्यूंकि दूध की बाल्टी सर पर रख-रख के उसके बाल ख़राब हो गए थे।
सोचते सोचते दूधवाली ने अपना सर थोड़ा-सा नीचे किया तभी दूध की बाल्टी सर से नीचे गिर गई। बाल्टी का सारा दूध रास्ते में बह गया।
दूध के साथ-साथ उसका सारे सपने भी बह गए और वह रास्ते में बैठ कर रोने लगी।
शिक्षा :
हमें कभी भी सपनों की दुनिया में जाकर अपनी हक्कीकत की दुनिया को नहीं भूलना चाहिए|
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