चुहे और शेर की कहानी हिंदी में
इस कहानी में, लेखक ने जानवरों को मुख्य पात्र में लिया है और उनके बीच आपसी सहायता और समझौते का संदेश दिया है। यह दिखाता है कि हर जीव की महत्वपूर्णता होती है, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। शेर और चूहे की कहानी द्वारा हमें यह सिखने को मिलता है कि सहायता करना और सहायता पाना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है, और इससे समाज में अच्छी दोस्ती और सहयोग की भावना बढ़ती है।

कहानी से सीख (Moral of The Story)
Krishna Jain
Last updated March 12th, 2024
एक बार की बात है, जंगल का राजा यानी शेर अपनी गुफा में सो रहा था। उसने अपना सिर अपने विशाल पंजे पर टिकाया हुआ था। गुफा बहुत बड़ी थी और बहुत अंधेरा भी था।
वहाँ केवल शेर के खर्राटों की आवाज़ हाई सुनाई दे रही थी ।

पास में एक छोटा सा चूहा खेल रहा था।शेर को सोते हुए देखकर, चूहे को आश्चर्य हुआ और वो सोचने लगा कि राजा की गुफ़ा कैसी दिखती होगी। इसलिए, वह चुपचाप धीरे धीरे गुफ़ा के अंदर जाने लगा।
लेकिन अचानक से अंधेर के कारण चूहा, शेर की नाक में फंस गया।जिसकी वजह से शेर जाग गया। चूहे को देखकर
जंगल के राजा शेर को बहुत गुस्सा आया और उसने अपने पंजे से चूहे को नीचे गिरा दिया।
शेर ने दहाड़ते हुए कहा, ” तुम छोटे से चूहे हो, तुमने मुझे मेरी नींद से जगाने की हिम्मत कैसे की? मैं तुम्हें आज मार डालूंगा! ”
ये सुनकर चूहा शेर से भीख मांगते हुए बोला, “भगवान के लिए मुझे मत मारो,। अगर तुम मुझे जाने दोगे, तो किसी दिन मैं तुम्हारी मदद ज़रूर करूंगा, जब भी तुम्हें मेरी ज़रूरत होगी! ”
शेर एक छोटे से चूहे की ये बात सुनकर चकित हो गया।और बोलने लगा , “तुम जैसा छोटा चूहा एक शेर की क्या मदद कर सकता है? मुझे लगता है कि तुम जानते नहीं हो कि मैं जंगल का राजा हूँ।तुम मेरी मदद कैसे कर सकते हो? और ज़ोर
ज़ोर से हँसने लगा -हा हा हा! ”
लेकिन चूहा फिर से निवेदन करने लगा , “कृपया मुझे छोड़ दीजिए ।मैं किसी दिन आपके ज़रूर काम आऊँगा। मैं आपकीछोटी सी मदद तो कर ही सकता हूँ। “

शेर ने चूहे को थपथपाया और उसे जाने दिया।
फिर एक दिन, हर रोज़ की तरह शेर जंगल में टहलने के लिए निकला। वह शिकार करने के लिए किसी जानवर की तलाश में टहल रहा था।
लेकिन अचानक से वहाँ एक शिकारी आ गया। और शेर उसके जाल में फंस गया ।शेर पूरा दिन दहाड़ता रहा और मददमांगता रहा।
वो बोलने लगा-
“मेरी मदद करो! कोई तो मेरी मदद करो ”।लेकिन उसे बचाने के लिए आसपास कोई नहीं था। अंत में, वह यह सोचकरदुखी हो गया कि वह मरने वाला हैं।
अचानक इसे वहाँ वह चूहा आ गया, जिसका जीवन उसने एक बार बचाया था । उसने शेर को जाल में फँसा हुआ देखा
और दौड़ते हुए शेर के पास पहुँचा।

चूहा शेर से बोलने लगा, अब आप चिंता मत करो, मैं तुम्हें इस जाल से
बचाऊंगा। आपने एक बार मेरी जान बचाई थी, आज मैं आपकी जान बचाऊंगा ।ये कहकर चूहे ने अपने तेज दांतों से जाल को कुतरना शुरू कर दिया । इस प्रकार, छोटे से चुहे ने शेर को शिकारी के जाल से मुक्त कर
तब से, शेर और चूहा सबसे अच्छे दोस्त बन गए।