<iframe src="https://embeds.beehiiv.com/79d83700-bfcf-4eb5-a1bc-3b25d89d6464" data-test-id="beehiiv-embed" width="100%" height="320" frameborder="0" scrolling="no" style="border-radius: 4px; border: 2px solid #e5e7eb; margin: 0; background-color: transparent;"></iframe>

मेरा प्रिय खेल- फ़ुट्बॉल-short essay in Hindi

Short essay in Hindi

हम सब की ज़िंदगी में खेलों का बहुत महत्व होता है।

खेल बहुत प्रकार के होते है- जैसे, क्रिकेट, वॉलीबॉल, फ़ुट्बॉल आदि।

इनमें से फ़ुट्बॉल मेरा प्रिय खेल है।

जब भी राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्तर पर कोई भी फ़ुट्बॉल का मैच होता है तो मैं उसका आँखों देखा हाल टी०वी० या रेडियो पर देखता व सुनता हूँ।

फ़ुट्बॉल खेल के लिए एक विशाल खेल का मैदान चाहिए।

इसके लिए मैदान को दो भागों में बाँटा जाता है। मैदान के दोनों ओर जाल से दो गोल बने रहते है।

इसके अतिरिक्त बॉल फ़ुट्बॉल मैच का प्रमुख साधन होता है।

जो की चमड़े से बनी होती है और उसमें हवा भी भरी होती है।

बॉल को पैर से ठोकर मारकर गोल तक पहुँचाने का प्रयास किया जाता है।

दोनों दलों के पास अलग अलग रंग की वर्दी व जूते होते है।

इस खेल में प्रत्येक दल में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं।

इनमें एक मुख्य कप्तान भी होता है। खेल टॉस जीत कर शुरू होता है।

टॉस जीतने वाला दल अपनी इच्छानुसार खेल के मैदान का भाग चुनता है।

दोनों एक दूसरे के गोल में बॉल को पहुँचाने का प्रयास करते हैं। गोल में बॉल पहुँच जाने पर एक गोल हो जाता है।

एक निश्चित समय के अंदर जो अधिक गोल बनाता है, वह दल विजयी घोषित किया जाता है।

फ़ुट्बॉल मैच का बहुत बड़ा महत्व है। पूरे खेल में खिलाड़ी दौड़ भाग में रहता है।

जिससे उसका अच्छा व्यायाम हो जाता है। दर्शकों में उत्सुकता बनी रहती है।

इस खेल से अनुशासन, आज्ञा पालन, कर्तव्य पालन व सहयोग की भावना बढ़ती है।

यह हमारे देश का लोक प्रिय खेल है।

 


0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *