मेरा प्रिय खेल-हॉकी -short essay in Hindi
मैं पढ़ाई के साथ साथ खेलों में भी रुचि रखता हूँ। खेल बहुत प्रकार के होते हैं।
अलग-अलग लोग अलग-अलग खेलों में रुचि लेते हैं। मेरी अधिक रुचि हॉकी के खेल में है।
यह मेरा प्रिय खेल है।हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है।
हमारे देश में हॉकी में विश्व स्तर के कई खिलाड़ी पैदा हुए हैं।
मैदान, खेल का प्रमुख साधन है। हॉकी खेलने के लिए एक विशाल मैदान की आवश्यकता होती है।
मैदान के दोनों ओर गोल बने होते हैं। गोल अधिकतर जालियों के बने होते हैं।
सारा मैदान दो भागों में बंट जाता है। प्रत्येक खिलाड़ी के पास एक-एक हॉकी स्टिक (छड़ी) होती है।
गेंद और हॉकी खेल का प्रमुख साधन है।
गेंद अत्याधिक मज़बूत व ठोस होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त जूते, वर्दी आदि भी हॉकी खेल के प्रमुख अंग हैं।
हॉकी के खेल में दो दल होते हैं। प्रत्येक दल में 11 खिलाड़ी होते हैं।
इस खेल में दोनों दल मैदान में मिल जाते है।
इसलिए उनकी पहचान के लिए उन्होंने अलग अलग रंग की वर्दी पहनी होती है।
प्रत्येक दल का एक मुखिया होता है, जिसको कप्तान कहते हैं।
दोनों दलों में एक रैफ़री होता है जिसके निर्देश का पालन दोनों दलों को करना आवश्यक होता है।
दोनों दलों के मुखिया सिक्का उछाल कर टॉस करते हैं।
जो टीम टॉस जीतती है उसको खेल शुरू करने का मौक़ा दिया जाता है तथा उसकी इच्छानुसार मैदान का एक भाग दिया जाता है।
उस भाग पर उसका गोल कीपर खड़ा हो जाता है। सीटी बजते ही खेल आरम्भ हो जाता है।
एक दल अपने विरोधी दल पर गोल करने का प्रयास करता है।
गेंद, गोल के अंदर पहुँचने पर एक गोल हो जाता है।
जिस दल के अधिक गोल होते हैं, वह दल विजयी माना जाता है।
यह एक दिलचस्प खेल है। इस पूरे खेल में दर्शक व खिलाड़ी सतर्क रहते हैं।
खिलाड़ी का भाग दौड़ से शारीरिक व मानसिक व्यायाम होता है।
दर्शकों की दृष्टि गेंद के साथ दौड़ती है और गोल की ओर ध्यान रहता है।