राजा और उसका मूर्ख बंदर- moral story in Hindi
प्राचीन काल की बात है, एक राजा के पास एक पालतू बंदर था। राजा उस बंदर को बहुत प्यार करता था और उस पर बहुत विश्वास भी करता था, क्योंकि वह बंदर राजा का भक्त था।
बंदर भी राजा की पूरे मन से रात-दिन सेवा करता था, लेकिन एक बात थी, बंदर बिल्कुल मूर्ख था। उसे कोई भी काम ठीक से समझ नहीं आता था।
राजा जब भी विश्राम करता था, बंदर हमेशा उसकी सेवा के लिए हाजिर हो जाता था। उसके लिए हाथ का पंखा चलाता रहता था।
एक दिन की बात है, हर रोज़ की तरह राजा सो रहा था और बंदर उसके लिए पंखा चला रहा था। तभी एक मक्खी भीन-भीन करके भिनाती हुई, राजा के ऊपर आकर बैठ जाती है।
बंदर ने उस मक्खी को पंखे से बार-बार भागने की कोशिश करी, लेकिन मक्खी उड़कर कभी राजा की छाती पर, कभी सिर पर, कभी नाक पर, तो कभी जांघ पर जाकर बैठ जाती थी।
बंदर को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह काफ़ी समय तक ऐसे ही मक्खी को भागने की कोशिश करता रहा, लेकिन मक्खी वहाँ से जाने का नाम ही नहीं ले रही थी।
यह देखकर बंदर को बहुत क्रोध आ गया और वह पंखा छोड़कर दिवार पर लगी तलवार निकाल लेता है। उसने देखा कि मक्खी राजा के माथे पर बैठी है, तो बंदर तलवार लेकर राजा की छाती पर चढ़ जाता है।
इससे राजा की नींद भी खुल जाती है। यह सब देख कर राजा काफी डर जाता है। थोड़ी देर में मक्खी माथे से उड़ जाती है, तो बंदर उसे मारने के लिए हवा में तलवार चलता है।
इसके बाद मक्खी राजा के सिर पर जाकर बैठ जाती है, तो बंदर राजा के सिर पर तलवार चलता है जिससे राजा के बाल कट जाते है और जब मूंछ पर बैठती है, तो मूंछ कट जाती है।
राजा उसे बहुत रोकता है लेकिन वह नहीं मानता। यह देखकर राजा कमरे से जान बचाकर भागता है और बंदर भी तलवार लेकर उसके पीछे भागता है। इससे पूरे महल में उथल-पुथल मच जाती है।
शिक्षा:
हमें किसी भी मूर्ख को ऐसा काम नहीं सौंपना चाहिए, जो बाद में हमारे लिए ही खतरा उत्पन्न कर दें।
moral story in Hindi
1 Comment
emily · 20/08/2022 at 12:47 pm
very lengthy story.
Not for kids at all.