दोस्तों की महत्वपूर्ण सिख – short moral story for kids
एक गाँव में दो दोस्त नामकरण सोहन और नकुल रहते थे।
नाकुल बहुत ही धार्मिक व्यक्ति था और वह भगवान की बहुत आदर करता था।
वहीं, सोहन बहुत मेहनती था। एक दिन उन्होंने मिलकर एक बीघा जमीन खरीदी ताकि वह वहाँ खेती करके घर बना सकें।
सोहन खेत में कड़ी मेहनत करता रहता था, लेकिन नकुल काम नहीं करता था।
उसकी प्राथनाओं में जुट जाने की बजाय वह मंदिर जाकर भगवान से अच्छी फसल की प्रार्थना करता था। ऐसे ही समय बितता गया। कुछ समय बाद, खेत की फसल पूरी तरह पक गई।
उन्होंने फसल को बाजार में बेच दिया और अच्छा पैसा कमाया।
घर आकर सोहन ने नकुल से कहा, “मेरे ख्याल से, मैंको इस पैसे का ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए क्योंकि मैंने अधिक मेहनत की है खेत में।”
नकुल ने उसके कहने पर उत्तर दिया, “नहीं यार, मुझे लगता है कि मुझे इस पैसे का ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए क्योंकि मैंने भगवान से इसकी प्रार्थना की और यह फसल हमें मिली है।
भगवान के बिना, हम कुछ भी नहीं कर सकते।”
जब उन्होंने यह समझाने की कोशिश की, तो उन्होंने मुखिया के पास जाकर धन के विभाजन के बारे में पूछा।
मुखिया ने उनकी बातों को सुनकर कहा, “ठीक है, आओ कल सुबह तक तुम दोनों चावल और कद्दू को अलग-अलग करके लाओ, और फिर मैं निर्णय लूंगा कि इस धन का विभाजन कैसे करना चाहिए।”
दोस्तों ने उस रात चावल और कद्दू को अलग करने के लिए काम किया।
सोहन ने रात भर मेहनत करके चावल और कद्दू को अलग कर लिया।
जबकि नकुल ने चावल की बोरी को लेकर मंदिर जाकर उसे भगवान के सामने रख दिया और प्रार्थना की कि भगवान उनके चावल में से कद्दू को अलग कर दें।
अगले दिन सुबह, सोहन ने उनके साथ चावल और कद्दू को अलग करके मुखिया के पास ले जाया। जब मुखिया ने देखा, तो वह खुश हुआ।
नकुल ने भी उनके पास जाकर बोला, “देखो, मेरे पास भी बोरी है और मैंने उसमें से चावल को अलग कर लिया है।”
मुखिया ने मुस्कराते हुए कहा, “बहुत अच्छा, तुमने सचमुच मेहनत की है।
भगवान भी हमें तभी सहायता करते हैं जब हम स्वयं मेहनत करते हैं।” मुखिया ने धन का विभाजन करते समय सोहन को ज्यादा दिया।
इसके बाद, नकुल भी अब काम करने लगा और उसकी फसल भी पहले से अधिक अच्छी हुई।
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