<iframe src="https://embeds.beehiiv.com/79d83700-bfcf-4eb5-a1bc-3b25d89d6464" data-test-id="beehiiv-embed" width="100%" height="320" frameborder="0" scrolling="no" style="border-radius: 4px; border: 2px solid #e5e7eb; margin: 0; background-color: transparent;"></iframe>

अकेले नहीं, सबके लिए – Short moral story for kids in hindi

एक बार की बात है, एक भारतीय स्कूल में एक 7 साल के छोटे लड़के का नाम आरव था।

आरव एक हंसमुख और कल्पनाशील लड़का था, जो हमेशा अपने जिज्ञासा और आश्चर्य की दुनियाँ में खो जाता था।

एक धूपशीत दिन, स्कूल के ब्रेक के समय खेलते वक़्त, उसने गलती से पानी के फव्वारे के पास गिर जाया, जिससे उसके पैंट पर पानी गिर गया।

जब वह नमी भरे पैंट में खड़ा हुआ, उसके सहपाठियों ने देख लिया और हँसने लगे। आरव की गाले लाल हो गए और वह शरम से लाल हो गया।

दूसरे बच्चे उसकी खिलखिलाहट सुनकर उसकी ताने मारने लगे, उसकी गिरने की तरीक़ा की नकल कर रहे थे।

उनकी हँसी उसके कानों में गूंज रही थी, जिससे उसे विचलित होने की ख्वाहिश हो गई।

उसकी आँखों में आंसू आने वाले थे, लेकिन उसके दिमाग में एक विचित्र दृश्य दिखाई दिया।

Short Moral Story in Hindi

क्लासरूम की खिड़की से वह देख सका कि कुछ छात्र एक किनारे की ओर मछली की पिंडी के आस-पास खड़े थे।

पिंडी गिर गई थी और पानी और कंकर यहाँ-वहाँ बिखर गए थे।

मछलियाँ, जो पानी में जूझ रही थीं, असहाय और बेबस लग रही थीं।

आरव का दिल उनके लिए बेहद सहानुभूति और विकल्प के साथ धड़कने लगा।

एक नयी दृढता के साथ, वह तेजी से खड़ा होकर मछली की पिंडी के पास चला गया।

उसने अपने साथियों की टांगों के चिरवटों को अविवादित करते हुए, ध्यान से पिंडी को फिर से टेबल पर रख दिया।

जैसे ही उसने मछलियों को देखा, जो धीरे-धीरे पानी में वापस आ रही थीं, वह अर्ज़ की तरफ से एक बड़ी राहत और सफलता की भावना महसूस करने लगा।

उसे एहसास हुआ कि सबकी ज़िन्दगी में कभी-कभी मुश्किलाएँ आ सकती हैं, लेकिन थोड़ी मदद और संकल्प के साथ उन्हें पार किया जा सकता है।

उस दिन के बाद, स्कूल की सभी मेंबर्स के सामने श्रीमती शर्मा ने आरव की कहानी साझा की।

उन्होंने उसकी बहादुरी और दयालुता की प्रशंसा की, और बताया कि वहने असहमति का सामना करते हुए भी मछलियों के प्रति सहानुभूति दिखाई।

उसके वचनों के बाद आया सारा हल्ला, और आरव ने वह गर्मई महसूस की जो उसने कभी पहले नहीं महसूस की थी।

उस दिन के बाद, आरव के साथी ने उसे एक नयी दृष्टि में देखा।

उन्होंने उसके साहस की प्रशंसा की और दया और समझने के बारे में एक महत्वपूर्ण सिख सीखी।

आरव ने यह सिखा कि चुनौतियों का सामना करते हुए भी वह दूसरों की ज़िंदगी में भी बदलाव ला सकता है।

और इस तरह, वो नमी भरे पैंट घटना आरव के जीवन की एक मोड़ बन गई,

जिसने उसे और उसके साथियों को दिखाया कि दया और समझदारी अप्रत्याशित मित्रता ला सकती है और शरम की स्थितियों को विकास और संबंध की अवसरों में बदल सकती है।

Short moral story for kids in hindi


0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *