हाथी और बकरी की कहानी | short moral story in hindi
एक समय की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक चतुर और जासूस बकरी रहती थी जिसका नाम था बिली। बिली बहूत ही उत्साहित और साहसी थी। उसे अपने आस पास के वातावरन को जाने और खोजने का बहुत शौक था।
बिली के कई दोस्त थे, लेकिन उसका सबसे प्रिया दोस्त एक बुद्धिमान और प्यारे हाथी थी जिसका नाम था एली। एकदिन जब बिली झील के पास चारा छाबा रही थी, उसे एक ग्रुप में छोटे छोटे पक्षी बातें करने में लगी दिखाई दी।
बिली की उपयोगिता बढ़ गई और वो जाने के लिए उनके पास चल दी। पक्षियों ने उसे एक जादू पेड़ के बारे में बताया जो गहरे जंगल में था और जिस्म सबसे स्वाद लगे होते थे। बिली को ये फल खाने का मन हो गया और हमने एली से सलाह मांगी।
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एली ने मना किया, लेकिन बिली का जोश कम नहीं हुआ। एली ने आशीर्वाद और सावधान करने की सलाह दी और बिली ने अपना सफर शुरू कर दिया, वादा करते हुए कि वो अपने दोस्तों के साथ वापस आएगा और फल उनके साथ आएगा।
बिली जंगल के अंदर गहरे गहरे जाते गया, लेकिन उसे काई रुकावतों का सामना करना पड़ा। वो घने झंडे और पर्ची हो रहे पत्थरों से गुजरा पड़ा। लेकिन उसकी दृढ़ निष्ठा ने आगे बढ़ने पर मजबूर किया और वो हार नहीं मानी।
आखिरी में, एक लंबा और थका हुआ सफर करके बिली जादूई पेड तक पहुंच गया। वहा के फल वो अपनी कल्पना से भी अधिक सुंदर थे – रसीला, रंगिन और मिठाई से भरे हुए। बिली ने हर एक टुकड़े का आनंद लिया, सफलता के मिठाई को स्वाद लिया।
लेकिन जब बिली अपने दोस्तों के पास लौटने लगा, तब वो एक भुकी और थकी हुई पक्षियों के पास आया। पक्षी के पंख में चोट लगी थी और वो खाना ढूंढने नहीं उड़ सकती थी। बिली का दिल रहम से भर गया और उसमें कुछ अपने कीमती फल पक्षी को दिए।
बिली की मदद से खुश होकर पक्षी ने स्वस्थ होने का संकल्प लिया। वो खुश होकार चिल्लाई और वादा किया कि वो बिली की दया की कहानी हर जगह सुनेगी। सच बहुत, पक्षी ने अपना वादा निभाया और ये कहानी हर तरफ फैला दी।
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बिली की नेकी की खबर पूरे जंगल तक पहुंच गई। दूसरे जानवर उसकी दया से प्रभावित हुए और झील के पास इकठ्ठा हो गए। अनहोन कहानियां सुनायी, हंसी मजाक की और बचे हुए फल बंटे, जिसके बीच एक अनोखा बंधन बन गया