समझदार मछली और मछुआरे की सबक – short story in Hindi
एक बार की बात है, एक भारतीय झील के एक शांत कोने में तीन मछलियाँ रहती थीं – फिन, लीला और मिको।
वे सबसे अच्छे दोस्त थे और साथ में तैरते रहते थे, जलदी-जलदी नीचे के दुनिया का खोज करते थे।
उन्हें झील के हर कोने-कोने का पता था, और उनका बंधन तोड़ने योग्य नहीं था।
एक उज्ज्वल सुबह, जब वे पानी की सतह के पास खेल रहे थे, उन्होंने कुछ असामान्य देखा।
एक मछुआरा झील को मिल गया था, उसका जाल सूरज की किरनों में चमक रहा था।
तीनों दोस्त ने आपस में बात की। एक मछली ने ध्यान से सुना कि मछुआरा मछलियों के बारे में बात कर रहा था।
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फिन अपने दोस्तों के पास जल्दी पहुँचा, चिंता से भरी हुई आँखों से चमकता हुआ।
उसने जो कुछ सुना था, वह अपने दोस्तों को सुनाया, मछुआरे के इरादों को बताते हुए। “हमें तुरंत इस झील को छोड़ देना चाहिए,” फिन ने उन्हें कहा, उसके चेहरे पर चिंता की झलक थी।
लीला और मिको ने आपस में नजरें मिलाई।
लीला, जो हमेशा सतर्क रहती थी, सहमति से सिर हिलाया। “फिन सही कह रहे हैं।
हमें एक नए स्थान की तलाश करनी चाहिए जहां हम सुरक्षित रह सकें।”
लेकिन मिको, जो साहसी था, अपने सिर को हिलाने से इनकार कर दिया।
“मुझे यकीन नहीं होता। यह हमारा घर है। मैं नहीं जाऊँगा।”
फिन और लीला ने मिको के साथ बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उसका मन नहीं मान रहा था।
“मैंने पहले भी मछुआरे देखे हैं, कुछ नहीं होता। हम ठीक हैं,” मिको ने बताया, और उसने झील के नीचे की ओर खुद को ले जाने की जिद की।
अगले दिन, सूरज की शुरुआत हो रही थी, मछुआरा वापस आ गया।
वहने पर जाकर उसने अपना जाल पानी में गिराया, जलबेला में डूबने दिया। मछे को आगाही के एहसास हुआ।
फिन और लीला ने अपने दोस्त मिको की याद दिलाई और उनकी चिंता और बढ़ गई।
मिको झील के नीचे के किनारे के पास तैर रहा था, उसने ऊपर से एक झलक देखी और समझ गया कि मछुआरे का जाल उसकी ओर आ रहा है।
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झील की सतह पास में, फिन और लीला डर से काँपते देखे गए जब मछुआरा अपना जाल खींचने लगा।
फिन का दिल डूब गया, उनके दोस्त के लिए सबसे बुरा सोचकर।
वह लीला की तरफ मुड़ा। “हमें मिको को इस हालत में छोडने नहीं देना चाहिए। हमें कुछ करना होगा।”
लीला ने सिर हिलाया और वे दोनों मिलकर उस जाल की ओर तैरने लगे।
साथ में काम करते हुए, उन्होंने जाल को ठोकर मारी, उसे हिलाया और उसे उलझाया।
मछुआरा उलझन में फंस गया, मछुआरे को उसके जाल से छूटने का मौका मिल गया।
मिको दौड़ते हुए उनकी ओर आया, उसकी आँखों में डर और कृतज्ञता की किरने थीं।
“धन्यवाद, फिन। धन्यवाद, लीला। तुमने सही कहा था। मैंने सुन लिया चाहिए था।”
जैसे ही वे सुरक्षित स्थान पर पहुंचे, मिको को यह समझ में आ गया कि कभी-कभी अच्छे दोस्त की सलाह को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए, खासकर जब वह हमें सुरक्षित रखने के लिए हमें चेतावनी देता है।
तीनों दोस्त एक बार फिर मिलकर एक हो गए, उनका बंधन पहले से भी मजबूत हो गया।
और इस तरह, समझदार मछली की चेतावनी और उनकी मिलकर की कोशिश ने मिको को बड़ी मुश्किल से बचा लिया।
उनके दोस्तों ने सीखा कि कभी-कभी अच्छे दोस्त की सलाह को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए, खासकर सुरक्षित रहने के लिए आपने क्षेत्र को छोडने की आवश्यकता हो।
समझदार मछली और मछुआरे की सबक – short story in Hindi