सिंदबाद – moral story in Hindi
Sinbad naavik ki Panchatantra ki naitik kahani Hindi mein
एक बार की बात है, एक गाँव में सिंदबाद नाम का एक बहुत ही गरीब लड़का रहता था। वह काम की तलाश में इधर-उधर घूमता रहता था।
एक बार, धन कमाने के लिए वह नाविकों के साथ समुद्री जहाज पर चला गया। लेकिन उसके दुर्भाग्यवश उसी दिन समुद्र में जोरों का तूफान आ गया और जहाज डूब गया।
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सिंदबाद एक लट्ठ के सहारे बहता हुआ एक द्वीप पर जा पहुँचा। उसे जोरों की भूख लगी थी। खाना ढूँढने के लिए वह एक बहुत ऊँचे खजूर के पेड़ पर चढ़ गया और चारों ओर देखने लगा।
उसे दूर एक बड़ा सा अंडा जैसा कुछ दिखाई दिया।वह उसे देखकर बहुत खुश हुआ और उसके पास जाने लगा।
जैसे ही वह उस अंडे के पास पहुँचा तब ही एक बड़े से पक्षी ने आकर उसे अपने पंजे में पकड़ लिया और उड़ने लगा।
गिरने के भय से सिंदबाद ने उस पक्षी के पैर को जोर से पकड़ लिया और उड़ने लगा।
पक्षी उसे हीरों की घाटी में ले गया जिसकी कथा उसने नाविकों से सुन रखी थी। वहाँ पर ढेरों साँप उन हीरों की रक्षा करते थे।
चमकती घाटी को देखकर सिंदबाद के आश्चर्य का ठिकाना न रहा। बहुत जल्दी जल्दी से उसने अपनी जेबों में हीरे भर लिए।
बड़े-बड़े साँपों को चकमा देते हुए उसने कूदकर एक उड़ते हुए पक्षी के पैरों को जोरों से पकड़ लिया।
उड़ता-उड़ता वह एक द्वीप पर जा पहुँचा। जहाँ पर सौभाग्यवश उसे अपने नाविक मित्र मिल गए। उनके साथ सिंदबाद बगदाद आ गया और सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करने लगा।
शिक्षा :
हमें कभी भी मुश्किलों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसमें छिपे हुए अवसर को ढूंढना चाहिए।
सिंदबाद | Sinbad the sailor moral story in Hindi
Sinbad naavik ki Panchatantra ki naitik kahani Hindi mein