Snake and ants Panchatantra moral story in Hindi

साँप और चीटियाँ – Moral story in Hindi

saanp aur chitiyan – panchatantra ki naitik kahani Hindi me

एक बार की बात है, एक बहुत घना जंगल🏞️ था| उसमें बहुत सारे तरह-तरह के जानवर रहा करते है। उनमें से कुछ जानवर पेड़-पौधे खाते है और कुछ अन्य जानवरों को खाते है।

उस जंगल में एक छोटा-सा साँप🐍 अपने बिल में रहता था। वह चूहों, बतक आदि छोटे-छोटे जानवरों को खता था। वह बड़े जानवरों से डरता था इसलिए वह सिर्फ छोटे जानवरों को ही अपना शिकार बनाता था।

धीरे धीरे वह बड़ा होने लगा। अब शरीर के साथ-साथ उसकी भूक भी बढ़ने लगी थी। ऐसे में वह एक दिन में बहुत सारे छोटे-छोटे जानवरों को खा जाता था।

वह साँप चिड़ियों🐦 को, उनके अण्डों को, चूहों🐀 को, खरगोश🐇 को,बतख आदि अन्य जानवरों को खाया करता था। अपना खाना खाने के बाद वह अपने बिल में घुस जाता और सोता रहता था।

जंगल के सभी जानवर उससे परेशान रहने लगे थे। धीरे-धीरे समय बीतता गया और साँप का शरीर और भी बड़ा होता चला गया।

अब तो उसे अपने बिल में घुसने में भी मुश्किल होने लगी थी। कभी-कभी तो वह अपने बिल में ही फस जाता था। ऐसे में वह अपने बिल को छोड़कर दूसरे बिल की तालाश में इधर-उधर भटकने लगा था।

रेंगते-रेंगते वह एक बरगद के पेड़🌳 के पास जा पहुँचा। उसने वहाँ देखा कि वहाँ बहुत सारी चीटियों🐜 ने एक बहुत बड़ा बिल बनाया हुआ था।

साँप ने सोचा, “यह बिल मेरे लिए बहुत सही रहेगा। यह बड़ा भी है और मेरे शरीर के लिए बढ़िया भी है। ” यह सोचकर वह चीटिंयों के पास गया और उनसे बोला, “अब से इस बिल में मैं रहूँगा, तुम सब यहाँ से चले जाओ। यह बिल अब से मेरा है|”

बरगद का पेड़🌳 बहुत पुराना व बड़ा था उसमे एक साथ बहुत से जानवर रहते थे। जब उन्होंने सुना की वह साँप यहाँ रहना चहता है तो वे सब डर गए।

सबने सोचा के कैसे भी यह साँप🐍 यहाँ से चला जाए।

चीटियों ने जैसे ही साँप की यह बात सुनी तो वे गुस्सा हो गई और सबने मिलकर एक साथ साँप पर हमला कर दिया।

चीटियों ने साँप के शरीर को पूरा ढक दिया और वे सब साँप को काटने लगी। ऐसे में साँप दर्द से झटपटाने लगा और बहुत जल्दी वहां से भाग गया।

इस तरह से छोटी सी दिखने वाली चींटियों ने भी एक बड़े से साँप को भगा दिया।

शिक्षा:

हमें कभी भी किसी भी मुसीबत से भागना नही चाहिए बल्कि एकजुट होकर सामना करना चाहिए।

Snake and ants Panchatantra moral story in Hindi

saanp aur chitiyan – panchatantra ki naitik kahani Hindi me

Author

  • Krishna Jain

    "Stories possess a unique power to inspire and move us" Through my writing, I aim to share my deepest thoughts, emotions, and insights. I invite readers to join me on a journey into the transformative world of words. Writing Experience: Over 10 years of writing experience. Editing Experience: Served as an editor at various publishing houses, gaining extensive editing experience.

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