स्वच्छ भारत अभियान- essay in Hindi
स्वच्छता सभी देशों की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता हैं। बहुत सारे देशों में स्वच्छता के तहत बहुत से क़ानून भी है, लेकिन भारत में सफ़ाई का स्तर बहुत नीचे है।
हमारे देश के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस बात का ध्यान रखते हुए, 2 अक्टूबर 2014, गाँधी जयंती के अवसर पर, लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक बनाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की।
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उन्होंने स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए समस्त भारतवासियों के सहयोग की अपील की। ताकि यह अभियान सन् 2019 तक पूरा हो सके।
हमारे देश के बहुत से लोग स्वच्छता के प्रति जागरुक नहीं है। बहुत जगह जगह पर कूड़े के ढेर लगे हुए है। लोग चलते-चलते कूड़ा कूड़े दान में फेंकने की वजह इधर-उधर फेंक देते है।
ग्रामीण इलाक़ों में तो लोग खेतों में जाकर शौच करते है। जिससे अनेक प्रकार की बीमारियाँ होती है। और तो और महिलाओं के साथ गलत घटनाएँ भी हो रही है।
भारत सरकार ने इस प्रकार की दुर्घटनाओं व बीमारियों को रोकने के लिए, लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक बनाने के लिए प्रेरित किया है। इस अभियान में भारत के बड़े बड़े लोग भी सरकार का साथ दे रहे है।
ग्रामीण इलाक़ों में स्वच्छता लाने के लिए सरकार ने सभी ग्रामीण परिवारों को अनुदान देकर शौचालयों का निर्माण करवाने की योजना बनाई हैं।
शहरों में भी सरकार द्वारा जगह-जगह पर सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों का निर्माण किया है। साथ-साथ विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक भी बनाया जाता है।
हम सब ये जानते है कि विद्यार्थी राष्ट्र के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए इस अभियान की सरलता के लिए, उनको जागरुक बनाना अति आवश्यक है।
इस अभियान के माध्यम से विद्यालयों को साफ़-सुथरा बनाए रखने के लिए, सहयोग करने के लिए, विद्यार्थियों को प्रेरित किया गया है। स्वच्छता से विद्यालयों में पढ़ाई का उचित वातावरण भी बनता हैं।
स्वच्छता अभियान की सफलता अकेली सरकार प्राप्त नहीं कर सकती अपितु इसके लिए सभी देशवासियों का सहयोग बहुत ज़रूरी हैं।
इसलिए हम सब भारतीयों का यह नैतिक कर्तव्य है कि हम स्वयं स्वच्छ रहें, आपने आस-पास सफ़ाई रखें, और साथ ही साथ लोगों को भी स्वच्छता के प्रति प्रेरित करें।
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