The Ant and the Grasshopper moral story in Hindi

चींटी और टिड्डे की कहानी- best moral story

इस कहानी में, हमें जीवन में संतुलन और योजना बनाने का महत्व सिखाया जाता है। यह हमें बताती है कि आराम और मनोरंजन जरूरी हैं, लेकिन हमें अपने भविष्य की तैयारी के लिए भी समय निकालना चाहिए। माता-पिता के रूप में, हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि वे अपने समय का सही उपयोग करें और भविष्य के लिए योजना बनाएं, ताकि वे कठिन समय में भी सुरक्षित और संतुष्ट रह सकें।

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कहानी से सीख (Moral of The Story)

Krishna Jain

Last updated March 12th, 2024

एक बार की बात है, दो सबसे अच्छे दोस्त थे – एक चींटी और एक टिड्डा। लेकिन दोनों के जीने का तरीक़ा बिल्कुल अलग था। best moral story

एक जगह जहाँ टिड्डे को पूरे दिन आराम करना और अपना गिटार बजाना पसंद था। वहीं, चींटी पूरे दिन कड़ी मेहनत करना पसंद था।

वह हर रोज़ बगीचे के सभी कोनों में से भोजन एकत्र करती थी, जबकि टिड्डा सिर्फ़ आराम करता, अपना गिटार बजाया, या सोता रहता था।

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टिड्डा, चींटी को हर दिन एक ब्रेक लेने के लिए कहता, लेकिन चींटी हमेशा मना कर देती और अपना काम करती रहती।

जल्द ही, सर्दी आ गई, दिन और रात ठंडे हो गए और बहुत कम जीव अपने अपने घरों से बाहर निकलने लगे।

सर्दियों के ठंडे दिन थे, चींटियों की एक बस्ती, अपने इकट्ठे किए हुए मकई के कुछ दानों को सुखाने में व्यस्त थी। ठंडा और भूखा, आधा मृतक टिड्डा, चींटी के पास आया, जो की उसकी दोस्त थी।

वहाँ उसने मकई का टुकड़ा मांगा। चींटी ने जवाब दिया, “हम मकई को इकट्ठा करने और बचाने के लिए दिन-रात काम करते हैं ताकि हम सर्दियों  के दिनों में भूखे न मरें।

चींटी ने पूछा, “तुम पिछली गर्मियों में क्या कर रहे थे? हमें इसे आपको क्यों देना चाहिए?” 

चींटी ने बोला, मैंने आपको पहले भी बताया था, आपको कुछ भोजन एकत्र करना और संग्रहीत करना चाहिए।

टिड्डा ने चींटी को बोला, “मैं अब तक गायन और सोने में व्यस्त था।”

चींटी ने उत्तर दिया, “जहाँ तक मेरा संबंध है, आप पूरी सर्दियों में गा सकते हों और सो भी सकते हो। आपको हमसे कुछ नहीं मिलेगा।”

अब चींटी के पास पूरी सर्दियों का भोजन था, वह बिना किसी चिंता के सर्दियों में आराम से रहे सकती थी।लेकिन टिड्डे ने पहले शर्म नहीं किया और उसने अपने समय को दुरूपयोग किया। अब उसे अपनी गलती का एहसास हो गया।

शिक्षा:

जब सूरज चमकता है तभी सूखी घास तैयार होती है।वैसे ही जब महनत करते है तभी अच्छा फल मिलता है।

Author

  • Krishna Jain

    "Stories possess a unique power to inspire and move us" Through my writing, I aim to share my deepest thoughts, emotions, and insights. I invite readers to join me on a journey into the transformative world of words. Writing Experience: Over 10 years of writing experience. Editing Experience: Served as an editor at various publishing houses, gaining extensive editing experience.

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