शेर और सियार-Moral story in Hindi
एक बार की बात है एक बहुत सुन्दर जंगल था। उस जंगल में एक शेरखान नाम का शेर रहता था। वह बहुत बलवान व ताकतवर था। उससे जंगल के सभी जानवर डरते थे।
वे रोज नदी के किनारे, शिकार करने के लिए जाया करता था।
हर रोज की तरह ही एक दिन वे जब नदी के किनारे से लौट रहा था, तो उसे रास्ते में सियार दिखाई दिया। शेर सियार के पास चला गया। जैसे ही वह सियार के पास पहुँचा, सियार उसके कदमों में लेट गया।
सियार के ऐसे करने पर शेर ने उससे पूछा, अरे भाई! तुम ये क्या कर रहे हो। उठो और मुझे अपनी बात बताओ।
सियार बोला, महाराज “आप बहुत महान हैं, आप तो इस जंगल के राजा हैं। आप मुझे अपना सेवक बना लीजिए। मैं अपनी पूरी लगन और निष्ठा से आपकी सेवा करूँगा।
बस इस सेवा के बदले में आपके शिकार में से जो कुछ भी बचेगा, आपके खाने के बाद, मैं वो खा लिया करूँगा।”
शेर ने सियार की बात सुनकर कुछ सोचा और फिर उसे अपना सेवक बना लिया। अब शेर जब भी शिकार के लिए जाता था, तब सियार भी उसके साथ चलता था।
इस तरह साथ समय बिताने से दोनों के बीच बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। अब तो सियार भी, शेर के शिकार का बचा हुआ मांस खाकर बहुत बलवान होता जा रहा था।
moral Story In Hindi
एक दिन सियार को घमंड आ गया और उसने शेर से कहा, “अब तो मैं भी तुम्हारे बराबर ही बलवान हो गया हूँ, इसलिए आज मैं हाथी पर वार करूँगा। जब वो मर जाएगा, तो सबसे पहले मैं हाथी का मांस खाऊंगा। मेरे खाने के बाद जो मांस बच जाएगा, वो तुम खा लेना।”
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शेर ने सियार की ऐसी बाते सुनकर सोचा कि वह दोस्ती में ऐसा मजाक कर रहा है। लेकिन सियार को अपनी शक्ति पर कुछ ज्यादा ही घमंड हो चला था।
सियार पेड़ पर चढ़कर बैठ गया और हाथी का इंतजार करने लगा। यह देखकर उसने सियार को बहुत समझाया क्यूँकि शेर को हाथी की ताकत का अंदाजा था। लेकिन सियार ने शेर की एक बात भी नहीं मानी।
तभी उस पेड़ के नीचे से एक हाथी गुजरने लगा। सियार ने हाथी को देखते ही उस पर हमला करने के लिए कूदा, लेकिन सियार सही जगह छलांग नहीं लगा पाया और हाथी के पैरों में जा गिरा।
हाथी अपनी धुन में चल रहा था उसने सियार को नहीं देखा। जैसे ही उसने पैर बढ़ाया वैसे ही सियार उसके पैर के नीचे आकर कुचला गया।
इस तरह सियार ने घमंड में अपने दोस्त शेर की बात न मानकर बहुत बड़ी गलती की और अपने प्राण गंवा दिए।
शिक्षा:
हमें कभी भी किसी बात पर घमंड नहीं करना चाहिए और अपने सच्चे दोस्त को कभी भी नीचा नहीं दिखाना चाहिए।
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