मुर्गा और मुर्गियाँ-moral story in Hindi

एक बार की बात है राजा अकबर कुछ सोच विचार में अपने कक्ष में बैठे थे|

अचानक से उनके मन में खयाल आया कि बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेनी चाहिए|

 उस पर उन्होंने एक चाल खेलकर बीरबल की बुद्धि का परीक्षण करने का फैसला किया। उन्होंने चुपके से अपने दरबारियों को अपने कक्ष में बुलाया और एक अंडा देते हुए अपनी सारी योजना समझा दी

अकबर ने योजना समझाने के बाद सभी दरबारियों से अगले दिन अपने कपड़ों में अंडा छुपाकर लाने को कहा। अगले दिन, अकबर का दरबार लगा| वहां पर सब उपस्थित थे|

मुर्गा और मुर्गियाँ-moral story in Hindi

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अकबर ने दरबार में सब से कहा कि उसने कल रात एक सपना देखा था कि अपने दरबारियों की ईमानदारी का परीक्षण करने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें एक अंडा लाने के लिए कहना है।

इसलिए, वह अपने सभी दरबारियों को शाही तालाब में जाने और एक समय में एक अंडा लाने के लिए कहते है।

वे सबसे कहते हैं कि जो लोगों को वहां से अंडा मिलेगा, वे वफादार होंगे, लेकिन जो नहीं ला पाएंगे वो मेरी प्रति वफादार नहीं होंगे

दरबारी तालाब में जाते हैं और एक समय में अपने हाथ में छुपा हुआ अंडा वापस ले आते हैं।

जल्द ही बीरबल की बारी आती है। वह तालाब में जाते है लेकिन उन्हें वहां एक भी अंडा नहीं मिलता

वह तालाब के आसपास, झाड़ियों और पेड़ों के नीचे भी खोजते है, लेकिन वहां भी कोई अंडा नहीं पाते है।

बीरबल ने इस स्थिति के बारे में बहुत सोचकर दरबार में वापस गए।

वहां पर जाकर उन्होंने दरबारियों को देखा कि वह आपस में मुस्कुरा रहे है

उन्हें देखकर जल्द ही उनको सारी स्थिति स्पष्ट हो गई।

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जैसे ही बीरबल अकबर के सिंहासन के पास पहुंचता है, वह एक मुर्गे की आवाज़ निकलता है

अचानक से सब आश्चर्यचकितहो जाते है।

मुर्गा और मुर्गियाँ-moral story in Hindi

अकबर बीरबल से पूछता है कि “आपने ऐसा क्यों किया बीरबल?”

बीरबल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि ये तो भगवान की महिमा है कि केवल मुर्गियाँ ही अंडे देती हैं।

चूंकि सभी दरबारियों ने एक अंडा पेश किया, वे सभी मुर्गियाँ हैं

जैसा कि मैं मुर्गा हूँ, मैं किसी भी अंडे का उत्पादन नहीं कर सकता

कुछ पल के लिए दरबार में सब मौन हो जाते है और जल्द ही अकबर हँसने लगते है|

इस तरह बीरबल ने अपनी बुद्धि को फिर से साबित कर दिया।

शिक्षा: 

बुद्धि और आत्म-विश्वास से कोई भी परीक्षा आसानी से सफल की जा सकती है|

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