तीन सूअर – moral story in Hindi
Teen suar Panchatantra ki naitik kahani Hindi mein
एक बार की बात है, एक गाँव में तीन सूअर रहते थे। उन्हें अपना घर जहाँ वह रहते थे वह बिलकुल भी पसंद नहीं था| इसी वजह से उन्होंने अपना घर छोड़कर कहीं दूर जाने का निश्चय किया।
वह घूम-घूम कर एक जंगल में जा पहुँचे| उन तीनों ने अपना-अपना घर बनाया। पहले सूअर ने तो घास-फूस से ही अपना घर बना लिया।
दूसरे ने लकड़ी का घर बनाया और तीसरे सूअर ने ईंटों से अपना पक्का घर बनाया।
एक रात, एक भूखा भेड़िया घूमता-घूमता हुआ उधर आ गया जहाँ पर उन्होंने अपना घर बनाया था। उसने वहां पर सूअर को देखा तो उसके मुँह में पानी आ गया।
बहुत जोर आवाज में वह पहले सूअर से बोला, “मुझे अपने घर के भीतर आने दो वरना मैं अभी फूँक मारकर तुम्हारा घर उड़ा दूंगा| ”
ऐसा बोलकर उसने जोर से फूँक मारी… घास-फूस का घर धराशायी हो गया।
पहला सूअर जान बचाकर भागकर दूसरे सूअर के लकड़ी के घर में घुस गया। भेड़िया लकड़ी के घर के पास पहुँचा और सूअर को खाने के लिए जोर से फूँक मारी।
लकड़ी का घर भी गिर गया। दोनों सूअरों ने ईंटों के घर में भागकर अपनी जान बचाई। भेड़िया अब पक्के मकान के पास पहुँचा।
वहाँ जाकर उसने जोर-जोर से फूँक मारी पर वह घर का कुछ नहीं बिगाड़ सका। जब वह बहार से अंदर नहीं जा सका तो उसने हारकर घर की चिमनी से भीतर जाने का निर्णय किया।
तीसरे सूअर ने चिमनी के नीचे आग जला रखी थी। भेड़िया जब चिमनी से नीचे उतरने लगा तो आग में गिर पड़ा और वह वही मर गया।
शिक्षा :
हमें हमेशा पहले ही अपना कार्य पूरा कर लेना चाहिए न की बाद के लिए छोड़ना चाहिए|
Teen suar Panchatantra ki naitik kahani Hindi mein
तीन सूअर| Three pigs Panchatantra moral story in Hindi