आम का पेड़ किसका है?- moral story in Hindi
एक बार कि बात है, हर दिन की तरह की राजा अकबर के राज्य में जनता दरबार लगा हुआ था|
वहां पर राज्य की आम जनता अपनी फ़रियाद लेकर, न्याय की उम्मीद में राजा के पास आती थी|
राजा भी उनकी परेशानिओ को सुनते, समझते व उसका हल निकालते थे|
ऐसे ही इस बार भी दरबार लगा हुआ था, अचानक से दो भाई, राम और श्याम आते है| वह दोनों एक आम के पेड़ के स्वामित्व पर लड़ रहे थे।
राम ने कहा कि आम का पेड़ उनका था; जबकि श्याम ने कहा कि उसके पास इसका स्वामित्व है।
दोनों में से कोई भी आम के पेड़ से अपना अधिकार नहीं छोड़ना चाहता था|
सोने का सिक्का और न्याय-moral story in Hindi
दरबार में कोई भी रास्ता निकालने में असमर्थ था|
moral story in Hindi
इसलिए राजा ने बीरबल से मदद मांगने का फैसला किया। बीरबल ने स्थिति का पूरा विश्लेषण किया और बहुत सोच समझकर दोनों भाइयों से कहा कि वे सभी आमों को हटा दें, दोनों भाइयों के बीच साझा करें, फिर पेड़ को दो बराबर हिस्सों में काट लें।
बीरबल की बात सुनकर, राम ने इस बात की हाँ कर दी, जबकि शम ने पेड़ को काटने से बिलकुल मना कर दिया|
क्योंकि उसने पूरे तीन साल तक उसका पालन पोषण किया था।
बीरबल ने पाया कि पेड़ का असली मालिक कौन था।
उन्होंने कहा, “पेड़ श्याम का है क्योंकि उसे काटने की सोच ने ही उसे बहुत परेशान कर दिया।
तीन साल तक इसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति ने इसे तुरंत नहीं काटा बल्कि जो सिर्फ फल की इच्छा रख रहा था उसने काट दिया।
बीरबल की बात सुनकर राजा ने पेड़ पर श्याम का स्वामित्व घोषित कर दिया|
और फिर से पुरे दरबार में बीरबल की बुद्धि की प्रसंसा होने लगी|
शिक्षा:
सच्चा स्वामित्व जिम्मेदारियों के साथ आता है न की केवल अधिकार से।
moral story in Hindi