दीपावली- essay in Hindi
दीपावली हिंदुओं का पवित्र त्यौहार है। यह त्यौहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन सारी प्रकृति, सारा वातावरण अंधकार में डूबा रहता है। लेकिन लोग चारों ओर दीप जलाकर अंधकार को दूर कर देते हैं।
दीपावली का अर्थ होता है, दीप+अवली अर्थात् दीपों की पंक्तियाँ। इस दिन लोग दिये व बिजली की पंक्ति बनाकर जलाते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार, दीपावली के दिन भगवान श्री राम जी, दशहरे के दिन रावण का वध करके बीस दिनों के बाद अपने घर अयोध्या लौटे थे। जब अयोध्या वासियों से अमावस्या के अंधकार में दीप जलाकर, अपने राजा का भव्य स्वागत किया था।
इसलिए ही इस दिन राम जी के घर वापस आने की ख़ुशी में, यह त्यौहार पूरे भारत में प्रति वर्ष बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। आज भी हम दीपावली का त्यौहार दशहरे के बीस दिन बाद ही मनाते है।
दीपावली की तैयारी कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। लोग कई दिन पूर्व ही अपने घरों की सफ़ाई करने लग जाते है। कुछ लोग अपने मकानों व दुकानों में सफ़ेदी कराते है।
बच्चों के लिए भी नए-नए कपड़े लाए जाते हैं। घर के लिए नए बर्तन और घर को सजाने का समान भी ख़रीदा जाता है।बच्चों के लिए यह पर्व ख़ुशियों का संदेश लाता है।
दीपावली के दिन लोग अपने मकानों के आगे मोमबत्तियों व दीपों की पंक्तियाँ बनाकर जलाते हैं। आज कल बिजली के बल्बों से भी घरों को सजाया जाता है।
essay in hindi
बच्चे बम, पटाखे व फुलझड़ियाँ जलाकर अपना मनोरंजन करते है। चारों तरफ़ जग-मग जग-मग रहता हैं। सब एक दूसरे को दीपावली की बधाई देते है और मिठाइयाँ बाँटते हैं।
दिवाली के दिन महालक्ष्मी जी की पूजा करने की परम्परा है। लोग अपने घरों व दुकानों में लक्ष्मी जी की पूजा करते है। महालक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने, लोग अपने आभूषण, पैसे आदि भी रखते है।
व्यापारी लोग इस दिन से ही अपने नए बही-खाते भी शुरू करते है। इस दिन को बड़ा ही शुभ दिन माना जाता हैं।
essay in hindi