हमेलिन का बांसुरी वाला – moral story in Hindi

hamelin ka bansuri wala naitik kahani Hindi mein

एक बार की बात है, जर्मनी में हमेलिन नाम का एक छोटा-सा शहर था। उस शहर में इंसानों के साथ-साथ बहुत सारे चूहे भी रहते थे।

वहाँ के लोग उन चूहों से बहुत ज्यादा परेशान थे इसलिए वह अपनी समस्या लेकर मेयर के पास गए। मेयर को चूहों से बचने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था।

तभी वहाँ बांसुरी लेकर एक व्यक्ति आया और उसने मेयर से कहा, “श्रीमान! मैं बांसुरी बजाता हूँ। मुझे पता चला है कि आपके शहर में चूहें बहुत सारे है और आप उनसे परेशान है।”

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उसने अपनी बात को पूरा करते हुए कहा कि वह उनकी इस समस्या को दूर कर सकता है| लेकिन बदले में उसे कुछ इनाम चाहिए|

मेयर ने उसकी सारी बाते सुनकर उससे कहा, “अगर तुमने शहर से चूहों को निकाल दिया तो मैं तुम्हें एक हजार सोने की अशर्फियाँ दूँगा।”

बांसुरी वाला मेयर की इस बात से राजी हो गया। उसने हमेलिन की सड़क पर चलते-चलते अपनी बांसुरी की धुन छेड़ दी। हर दिशा से चूहे निकल-निकल कर उसके पीछे-पीछे चलने लगे।

बांसुरी वाला चलते-चलते उन्हें नदी के किनारे ले गया। और वहाँ सभी चूहे पानी में गिरकर डूब गए।

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अब जब वह अपना पुरस्कार लेने के लिए मेयर के पास गया तब मेयर ने उसे सोने की जगह एक हजार चाँदी के सिक्कों की थैली दे दी।

क्रोधित बांसुरी वाला वहाँ से चुपचाप बाहर चला गया और अपनी बांसुरी से दूसरी धुन बजाने लगा। इस बार चूहों की जगह शहर के सभी बच्चे सम्मोहित होकर उसके पीछे-पीछे चलने लगे।

बांसुरी वाला उन्हें एक पहाड़ी पर ले गया और कभी भी दोबारा हमेलिन शहर में दिखाई नहीं दिया।

शिक्षा :

हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि बुरे काम का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है।

बांसुरी वाला | Hamelin’s flute player moral story in Hindi

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