सबसे बड़ी दौलत- moral story in Hindi
svaasthya hee dhan hai naitik kahani Hindi mein
एक बार की बात है, एक बड़े से शहर में एक अमीर आदमी रहता था। उसके पास बहुत पैसा था और उसने कुछ दिनों पहले ही शहर में एक बहुत बड़ा घर भी खरीदा था।
वह आदमी पैसों से तो बहुत धनी था लेकिन उसका शरीर और उसकी सेहत बहुत ही गरीब थी। उसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता था।
वह दिन-रात पैसे कमाने के लिए बहुत मेहनत करता था, लेकिन अपने शरीर के लिए उसके पास बिलकुल भी वक्त नहीं था। यहाँ तक कि वह सुबह-सुबह सैर के लिए भी नहीं जाता था।
बहुत अमीर होने और पैसे कमाने के बाद भी उसे कई नई-नई बीमारियों ने घेर लिया था।
वह आदमी स्वार्थी नहीं था, पर सिर्फ इतना था कि उस आदमी के पास पैसा खर्च करने का समय नहीं था। उसे पैसे कमाने की आदत थी।
यहाँ तक कि डॉक्टर के पास जाने के लिए भी उसके पास वक्त नहीं था। ध्यान न देने के कारण उसका शरीर धीरे-धीरे कमज़ोर होता जा रहा था।
एक दिन वह बहुत थक कर घर आया और तो और उसको बहुत बुरा सिरदर्द भी हो रहा था, इसलिए वह सीधा जाकर अपने बिस्तर पे लेट गया।
जब उसका नौकर उसके लिए खाना लाया तब बहुत थकने के कारण उसने खाना खाने से मना कर दिया और भूखा ही सो गया।
moral story in hindi
आधी रात को उसका सरदर्द और भी बढ़ गया। उसको कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है।
तभी अचानक से उसके सामने एक अजीब सी आकृति आकर खड़ी हो गयी और वह बोली, “मैं तुम्हारी आत्मा हूँ और आज से मैं तुम्हारे शरीर को हमेशा के लिए छोड़ रही हूँ।”
तब वह आदमी घबरा कर बोला, “तुम मेरे शरीर को क्यों छोड़ रही हो? मेरे पास बहुत पैसा है और मैंने इसके लिए पूरी जिंदगी मेहनत की है। मैं इतना विशाल घर में रहता हूँ, कि ऐसे घर को कई लोग सिर्फ अपने सपने में सोच सकते है।”
इतने पर आत्मा बोली, “मेरी बात ध्यान से सुनो, ये बड़ा घर तुम्हारा घर है, मेरा नहीं। मेरा घर तो तुम्हारा शरीर है, जो दिन पे दिन दुबला होता जा रहा है, और तो और कई बीमारियों के चपेट में भी आ गया है।
तुम कल्पना करो कि तुम कई वर्षों से टूटी हुई झोपड़ी में रह रहे हो।उसी प्रकार तुमने अपने शरीर यानि मेरे घर की हालत की हुई है, और मैं अब इसमें और नहीं रह सकती।”
यह सब बातें बोलकर, आत्मा उस आदमी का शरीर छोड़के चली गयी।और उस आदमी की मृत्यु हो गई।
शिक्षा:
हमें ये कभी भी नहीं भूलना चाहिए कि हमारा स्वास्थ्य ही हमारी सबसे बड़ी दौलत है।