साहसिक पशुपालक अर्जुन की सीख – Moral Story in Hindi
एक बार की बात है, एक सुंदर भारतीय गांव में एक छोटा सा लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन को खेलने का बहुत शौक था, लेकिन उसका दिल बहुत नेक था।
उसके पास थोड़ी सी बकरियां थीं और उनकी देखभाल का काम अर्जुन को करना पड़ता था।
एक दिन सूरज निकलने लगा, तभी अर्जुन बकरियों को जंगल के किनारे चलाने गया। वहां पहुंचकर उसके दिमाग में एक विचार आया। उसने सोचा कि गांव के लोगों के साथ मज़ाक खेलना अच्छा होगा।
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उसने फैसला किया कि वह चिल्लाएगा, “भेड़िया! भेड़िया!” और देखेगा कैसे गांव के लोग उसकी मदद के लिए भागते हैं, लेकिन जब पहुंचेंगे, तो उन्हें पता चलेगा कि यह सिर्फ मज़ाक है।
Moral Story in Hindi
अर्जुन ने शुरू किया, “भेड़िया! भेड़िया!” और ध्यान से अपनी आवाज़ तेज की। गांव के लोग ने उसकी आवाज सुन ली। भेड़ियों और अर्जुन की सुरक्षा के लिए गांव के लोग भागने लगे।
लेकिन जब पहुंचे, उन्हें यह देखकर हैरानी हुई कि यह सिर्फ अर्जुन का मज़ाक था। वे उसे समझाने के लिए उसे डांटने लगे।
अर्जुन डर गया और उसने माफी मांगने की कोशिश की, लेकिन गांव के लोग बहुत नाराज़ थे।
वे अर्जुन की सराहना करके कहते हैं कि यह गलत है कि वह ऐसा मज़ाक करता है।
गांव के लोगों ने उससे यह कहा कि वह खतरे का मज़ाक नहीं उड़ाने चाहिए क्योंकि यह दूसरों को परेशान कर सकता है और अनावश्यक हो सकता है।
अर्जुन ने उनके शब्दों को महसूस किया और अपनी गलती स्वीकार कर दी। उसने गांव के लोगों से माफी मांगी और उनसे वादा किया कि वह कभी भी खतरे का मज़ाक नहीं उड़ाएगा।
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गांव के लोग उसे माफ कर दिए और उसे अपने साथ लेकर वापस गांव चले गए।
अर्जुन ने यह समझा कि उसने एक महत्वपूर्ण सीख हासिल की है।
उसने अनुभव किया कि वह खुद को और दूसरों को खतरे से बचाने के लिए साहसी बनाने के बजाय खतरे से बचने के लिए सही कार्रवाई करने की जरूरत होती है।
यह कहानी हमें यह बताती है कि असली साहस यह नहीं है कि हम खतरे का मुक़ाबला करें, बल्कि यह है कि हम अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए सही कार्रवाई करें।
Moral Story in Hindi