मेरी प्रथम रेल यात्रा| My first train journey essay in hindi

मेरी प्रथम रेल यात्रा- essay in Hindi

meri pratham rail yatra short essay in Hindi 

a family excitedly waiting to board a train for a trip

आधुनिक युग में रेल यात्रा का बहुत बड़ा महत्व है। देश के सारे शहरों को रेलगाड़ी जोड़ती है।

जब भी मैं रेलगाड़ी को चलते देखता तो मेरे मन में भी रेल यात्रा करने की इच्छा पैदा होती है। वैसे मैंने बस से तो बहुत बार यात्रा कर करी है परंतु रेल से यात्रा करने का अवसर पहले कभी नहीं मिला।

मैं दिल्ली में रहता हूं। मैंने अपने पिताजी से अपनी रेल यात्रा करने की इच्छा प्रकट की।

उन्होंने मुझे इस वर्ष रेल यात्रा कराने का आश्वासन दिया। अचानक से हमारे घर में वैष्णो देवी यात्रा का कार्यक्रम तय हो गया।

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मेरे पिताजी ने दिल्ली से जम्मू तक रेल यात्रा करने का आयोजन बनाया। घर के सभी सदस्य खुश हो गए। दशहरे की छुट्टियों में हम यात्रा के लिए जा रहे थे।

मौसम भी बहुत अच्छा था। हमने 11 अक्टूबर को अपनी यात्रा शुरू की। अपने घर से आवश्यक सामान लेकर टैक्सी द्वारा हम सभी रेलवे स्टेशन पहुंचे।

वहां पर काफी चहल-पहल थी। यात्रियों का आना-जाना लगा हुआ था। कुली सामान ढो रहे थे। हमारा सामान भी एक कुली अंदर प्लेटफार्म पर ले गया।

viewed from behind as they look out at the countryside scenery through the rear window

हम सबकी टिकट आरक्षित थी। हमारी गाड़ी ने प्लेटफार्म नंबर 10 पर पहुंचना था। समय था प्रातः 8:00 बजे। हम ठीक समय वहां पहुंच चुके थे।

लेकिन उसी समय घोषणा हुई कि जम्मू जाने वाली गाड़ी आज एक घंटा लेट है। तब तक हम इधर-उधर प्लेटफार्म पे घूमने लगे तथा अपनी रेल की प्रतीक्षा करने लगे।

ठीक 9:00 बजे गाड़ी प्लेटफार्म पर पहुंची। चढ़ने वालों की बहुत भीड़ थी। हम अपने आरक्षित डिब्बे में गए। वहां टिकट नंबर के अनुसार हम सब अपनी सीट पर बैठे।

मैं खिड़की के पास बैठ गया। गाड़ी छुक-छुक करते चल पड़ी। शीतल हवा चल रही थी। बाहर के सारे दृश्य पीछे को भागते दिखाई दे रहे थे।

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कुछ ही क्षणों में शहर लुप्त हो गया, अब आ गए हरे-भरे खेत। किसान खेतों में काम कर रहे थे।

कितनी आनंद मय है रेल यात्रा। क्षण में भीड़ भरी चहल-पहल, क्षण भर बाद जंगल, नदी, पुल, खेत आदि, फिल्म की तरह सीन बदलते जाते थे।

निश्चित समय पर हम सभी जम्मू पहुंच गए। वहां स्टेशन पर चहल-पहल वैसे ही थी, जैसे हमें दिल्ली में मिली थी।

हमने रेल गाड़ी में से अपना सामान उतारा और आगे की यात्रा बस के द्वारा की। हमारी यह रेल की यात्रा यहीं पर समाप्त हो गई थी।

My first train journey essay in hindi

Author

  • Krishna Jain

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