Raman, the thief catcher moral story in Hindi

चोर को पकड़ने वाला रामा- moral story in Hindi

एक बार की बात है, विजयनगर राज्य का कोतवाल बहुत चिंतित लग रहा था। चोरों का एक गिरोह राज्य में प्रवेश कर चुका था, और राज्य में बहुत जगह चोरी भी हो चुकी थी।

कोतवाल और उसके लोग दोषियों को ढूंढ नहीं पा रहे थे। राजा कृष्णदेव राय भी चोरों को पकड़ने में विफल रहने के कारण कोतवाल से नाराज थे।

इसी कारण से कोतवाल ने रामा की मदद मांगी, जो तुरंत उसकी मदद करने के लिए भी तैयार हो गया। चोरों को पकड़ने के लिए रामा ने एक योजना बनाई और अपनी पत्नी से उनके पास मौजूद धन के बारे में कहानियाँ फैलाने को कहा।

रामा घोड़ा प्रशिक्षक – moral story in Hindi

जल्द ही पुरे राज्य में लोग रामा के धन के बारे में बात कर रह थे। यह बात उन लुटेरों ने भी सुन ली। 

चोरों ने रामा के घर पर नज़र रखना शुरू कर दिया था| उनमें से एक ने रामा में घरेलू सहायक के रूप में नौकरी भी की ताकि वह उनकी जासूसी कर सके

रामा को तुरंत पता चल गया कि वह चोरों में एक व्यक्ति है। लेकिन उसने न जानने का नाटक किया। उस रात, उसने जान-बूझकर अपनी पत्नी से उस धन के बारे में बात की जो उन्होंने एकत्र किया था।

रामा की पत्नी ने कहा, उन्हें धन को लुटेरों से सुरक्षित रखना होगा। तब रामा ने उससे कहा कि वे सारे धन को एक डिब्बे में डालकर उसे अपने कुएं में गिरा देंगे। वहाँ पानी के नीचे उनका धन सुरक्षित रहेगा।

रामा और उसकी पत्नी ने लकड़ी के एक बड़े बक्से को बड़ा ताला लगाकर घसीटा। रामा और उसकी पत्नी ने यह सुनिश्चित करते हुए कि उन पर घरेलू नौकर द्वारा नजर रखी जा रही है, उन्होंने उस डिब्बे को उठाकर कुएं में गिरा दिया।

वह लुटेरा जो रामा की जासूसी कर रहा था, वह तुरंत अपने दोस्तों के पास दौड़ा और उन्हें बताने लगा कि, उसे पता चल गया कि रामा ने अपना धन कहाँ छिपाया है।

लेकिन वह नहीं जानता था कि रामा ने बक्से को ईंटों और पत्थरों से भर दिया था| अगली रात लुटेरे रामा के घर गए। उनका साथी उन्हें पिछवाड़े में ले गया जहां रामा ने कई पेड़ उगाए थे। वहां कुआं कोने में था।

जासूसी रामा – moral story in Hindi

यही वह जगह है जहाँ रामा ने बक्सा छिपाया था, कुएँ की ओर इशारा करते हुए उस चोर ने अपने साथियों को कहा।

उन्होंने बक्सा निकालने के लिए बारी-बारी से कुएं में से पानी निकालना शुरू कर दिया ताकि वह बक्से को आसानी से निकाल सके| पानी ढलान से नीचे बहने लगा।

वे पानी निकालने में इतने मशगूल थे कि उन्होंने रामा को पानी को पौधों की ओर बहने के लिए रास्ता बनाने में व्यस्त है यह भी नहीं देखा।

घंटों पानी निकालने का काम करते हुए लुटेरे बहुत थक गए थे। तभी उन्होंने किसी के चिल्लाने की आवाज सुनी, बस। सभी पौधों में पर्याप्त पानी हैअब पानी को बर्बाद मत करो।

रामा को देखकर सारे चोर दंग रह गए। उन्होंने भागने की कोशिश की। लेकिन उनके भागने के सभी रास्तों पर कोतवाल और उसके सिपाही खड़े थे।

लुटेरों को पकड़कर, उन्हें जेल में भेज दिया गया। अगले दिन सारे राज्य में चर्चा हो रही थी कि कैसे रामा ने लुटेरों को अपने बगीचे में काम करने के लिए रखा था| 

शिक्षा:

किसी भी मुसीबत को विफल करने के लिए बुद्धि से बड़ा कोई हथियार नहीं होता है|

Author

  • Krishna Jain

    "Stories possess a unique power to inspire and move us" Through my writing, I aim to share my deepest thoughts, emotions, and insights. I invite readers to join me on a journey into the transformative world of words. Writing Experience: Over 10 years of writing experience. Editing Experience: Served as an editor at various publishing houses, gaining extensive editing experience.

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