कौआ और लोमड़ी की कहानी- story in hindi
kauwa aur lomdi ki kahani
इस कहानी से हमें चापलूसी के प्रभाव और अपने संसाधनों की सुरक्षा के महत्व को समझने की सीख मिलती है। यह हमें दिखाती है कि कैसे चापलूसी और वाणी के माध्यम से हमें धोखा दिया जा सकता है। माता-पिता के रूप में, हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि वे हमेशा सतर्क रहें और अपनी संपत्ति और संसाधनों की रक्षा करें, खासकर जब दूसरों की चापलूसी या मनोहर शब्दों से उन्हें बहकाया जा रहा हो।
कहानी से सीख (Moral of The Story)
Krishna Jain
Last updated March 12th, 2024
एक बार की बात, दूर किसी जंगल में एक कौआ रहता था। हर कोई जानवर उससे दूर ही रहता था, क्योंकि वह अपनी कर्कश आवाज में हर समय गाता रहता था।
सभी जानवर उससे बहुत परेशान रहते थे। एक दिन वह भोजन की तलाश में जंगल से दूर एक गाँव की ओर निकल कर आ गया और कुछ खाने की तलाश करने लगा।
किस्मत से उसे वहाँ पर एक रोटी मिल गई। रोटी लेकर वह वापस अपने जंगल की ओर आ गया और आकर अपने पेड़ पर आराम से बैठ गया।
भारत के त्यौहार- essay in hindi
वहीं से एक चालक लोमड़ी जा रही थी और उसे भी बहुत तेज से भूख लगी हुई थी।
अचानक से उसकी नज़र कौवे पर पढ़ी। उसने कौवे के पास रोटी देखी और वह उस रोटी को किसी भी तरह खाने का विचार करने लगी।वह सोचने लगी कि कौवे से रोटी कैसे ले?
जैसे ही कौआ रोटी खाने को हुआ, नीचे से लोमड़ी की ने कौवे को आवाज लगाई – “अरे कौआ महाराज, मैंने सुना है कि यहाँ पर कोई बहुत सुरीली आवाज़ में गाना गाता है, क्या वो आप ही हैं, क्या।”
लोमड़ी के मुँह से अपनी आवाज़ की तारीफ सुनकर कौआ मन ही मन बहुत खुश हुआ और उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया क्यूँकि उसके मुँह में रोटी थी।
इस पर लोमड़ी बोली कि क्यों मजाक कर रहे हो कौवे महाराज। आप यहाँ इतनी मधुर आवाज में गा रहे थे, यह बात मैं कैसे मान लूँ।
मुझे तो यक़ीन नहीं हो रहा। अगर आप कुछ गा कर सुनाएँगे, तो मुझे अवश्य यक़ीन हो जाएगा।
कौआ ने लोमड़ी की बात सुनी और उसे यक़ीन करने के लिए गाना गाना चाह। जैसे ही उसने गाने के लिए अपना मुँह खोला, उसके मुँह में दबी रोटी नीचे गिर गई।
रोटी के नीचे गिरते ही लोमड़ी ने रोटी पर झपट्टा मारा और रोटी लेकर वहाँ से बहुत जल्दी चली गई।
भूखा कौआ लोमड़ी को देखता ही रह गया और अपने किए पर बहुत पछताने लगा।
शिक्षा:
हमें कभी भी किसी की बातों में नहीं आना चाहिए।
moral story in hindi