थंबलीना- moral story in Hindi
Thumbelina ki naitik kahani Hindi me
एक बार की बात है एक गांव में एक अत्यंत दयालु औरत रहती थी।एक बार एक जादूगर ने उस औरत को एक बीज दिया।
उसने उस बीज को जमीन में गाड़ दिया और कुछ दिन बाद वह बीज फूटा पौधा बना और फिर एक बहुत ही सुंदर फूल खिला।
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उस फूल में से एक प्यारी सुंदर लड़की निकली। वह बस एक अंगूठे के बराबर थी। इसलिए उसका नाम थंबलीना रखा गया।
वह इतनी प्यारी थी कि एक रात को एक बदसूरत सा मेंढक अपने पुत्र का विवाह थंबलीना से करवाने के इरादे से उसे उठाकर ले गया।
थंबलीना उससे विवाह नहीं करना चाहती थी। इसलिए वह एक भौंरे के साथ वहां से भाग गई।
सर्दी के दिन आए थंबलीना एक चूहे के बिल में रहने लगी। चूहा उसका विवाह अपने पड़ोसी छछूंदर के साथ करवाना चाहता था।
वह वहां से फिर भाग गई। एक दिन उसे एक घायल अबाबील (Swallow Bird) मिली। थंबलीना ने उसके जख्मों को पूछा और उसकी सेवा की।
अबाबील शीघ्र ही थंबलीना की देखरेख में ठीक हो गई। अब वह थंबलीना की सहायता करना चाहती थी।
अबाबील उसे अपनी पीठ पर बैठा कर ले उड़ी और एक बगीचे में एक बड़े से फूल पर पहुंचा दिया।
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वहां थंबलीना की मुलाकात फूलों के राजकुमार से हुई। थंबलीना की सुंदरता से मुग्ध होकर राजकुमार ने उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा।
थंबलीना ने उसके विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और दोनों खुशी-खुशी रहने लगे।
Thumbelina moral story in Hindi