सिंडरेला- moral story in Hindi
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एक बार की बात है सिंडरेला नाम की एक लड़की, अपनी सौतेली मां और दो सौतेली बहनों के साथ रहती थी|
वह दिन भर घर के सारे काम करती थी, फिर भी उसे डांट सुननी पड़ती थी और तो और उसे भरपेट खाना भी नहीं मिलता था|
एक दिन राजा ने अपने महल में नृत्य का आयोजन रखा| शहर की विवाह योग्य सभी लड़कियां इस नृत्य के लिए आमंत्रित थी|
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सिंडरेला की सौतेली बहने भी इस आमंत्रण को पाकर बहुत खुश थी और खुशी के मारे नाचने लगी|
सिंडरेला ने उनके लिए बहुत सुंदर कपड़े बनाए और दोनों बहनों को बड़े प्यार से सजा कर आयोजन के लिए तैयार किया|
दोनों बहने सज कर आयोजन के लिए गई| उनके जाने के पश्चात वहां पर एक परी आई|
सिंडरेला की भी आयोजन में जाने की इच्छा को देखकर परी ने उसके लिए बहुत सुंदर कपड़े, बेहद सुंदर सेंडल और एक सुनहरी गाड़ी मंगवा कर- कहा, “तुम भी इस नृत्य आयोजन में जाओ, पर याद रखना रात के 12:00 बजे से पहले ही लौट आना| अन्यथा वहीं पर सब कुछ लुप्त हो जाएगा|”
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सिंडरेला इतनी सुंदर लग रही थी कि वहां पर सभी लोग उसे देखते ही रह गए| जब राजकुमार ने उसे देखा तो उसने सिर्फ सिंडरेला के साथ ही नृत्य किया|
नृत्य करते-करते सिंडरेला को 12:00 बजने का आभास नहीं हुआ और जैसे ही 12:00 बजे सिंडरेला बेतहाशा होकर भागी|
जल्दी-जल्दी में उसके एक पैर की सैंडल वही छूट गई| राजकुमार सिंडरेला को पाने के लिए बेचैन था|
इसके लिए राजकुमार ने राज्य के हर घर में उस सैंडल को पहनवाकर देखा और अंत में सिंडरेला के पैर में वह सही आ गई| राजकुमार का विवाह सिंडरेला से हो गया और दोनों सुख पूर्वक रहने लगे|
शिक्षा:
जो लोग अच्छे होते है और सबका अच्छा सोचते है उनके साथ कभी भी बुरा नहीं हो सकता|
Cinderella short moral story in Hindi
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